मनुष्य जीवन अनेक समस्याओं से घिरा है l समस्याएं सबके जीवन में आती हैं l ईश्वर ने धरती पर मनुष्य के रूप में अवतार लेकर अपने आचरण से लोगों को समझाया कि कैसे धैर्य और विवेक से समस्याओं पर विजय पाई जा सकती है ----
रावण बहुत शक्तिशाली था , कूटनीतिज्ञ था l उस ने सीता का हरण किया l देखने में लगता है रावण एक था लेकिन उसके दस सिर थे अर्थात दस अलग - अलग क्षेत्रों के सर्वश्रेष्ठ बुद्धिमान उसके नियंत्रण में थे l उसका स्वयं का परिवार बहुत बड़ा था , उसके पास राक्षसों की विशाल सेना थी जो सब मायावी विद्दा जानते थे और रावण के एक आदेश पर अदृश्य होकर संसार में उत्पात मचाते थे l कहते हैं उसने राहु , शनि सबकी कैद कर लिया था l उसके पास अथाह सम्पति थी , सोने की लंका थी l इन सबके साथ उसके पास एक अमूल्य खजाना था जो उसकी नाभि में छुपा था , वह था---- अमृत l रावण स्वयं को अमर समझता था l इन सब कारणों से उसका अहंकार बहुत बढ़ा - चढ़ा था l
रावण एक विचार , आज भी व्यक्ति शक्ति - सम्पन्नता एकत्र कर स्वयं को अमर समझता है , अहंकारी हो जाता है और फिर अपनी ताकत से सबको अपने अधीन कर अपने इशारों पर चलाना चाहता है l सबको अपने नियंत्रण में रखना , अत्याचार करना , चैन से जीने न देना , यह सब मानसिक विकृति है l भगवान राम ने एक - एक कर के उसके सिर काटे , उसके मजबूत आधार को समाप्त किया फिर अंत में उसकी नाभि में बाण मार कर उसके अहंकार को मिटा डाला l
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