एक मिशनरी ने रामकृष्ण परमहंस से पूछा --- " वे माता काली के रोम -रोम में अनेक ब्रह्माण्ड होने की बातें करते हैं और उस छोटी सी मूर्ति को काली कहते हैं --यह कैसे ? " इस पर परमहंस जी ने उनसे पूछा ---" सूरज दुनिया से कितना बड़ा है ? " उन्होंने उत्तर दिया ---- " नौ लाख गुना l " परमहंस ने फिर पूछा --- " तब वह इतना छोटा कैसे दिखाई देता है ? " मिशनरी ने कहा ---" नौ लाख गुना होने पर भी सूरज हमसे बहुत दूर है l इसलिए वह छोटा दिखाई देता है l " परमहंस जी ने फिर पूछा --- " कितनी दूर ? " उन्होंने बताया -- " नौ करोड़ तीस लाख मील l " परमहंस जी ने विनम्रता से जवाब दिया --- " ठीक इसी प्रकार आप माँ काली से इतनी दूर हैं कि आपको वे छोटी दिखाई देती हैं l मैं उनकी गोद में हूँ इसलिए मुझे वे बड़ी लगती हैं l आप स्थूल द्रष्टि से पत्थर देखते हैं , मैं आस्था की द्रष्टि से शक्ति पुंज देखता हूँ l "
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