दोनों पड़ोसियों के बालक आपस में उलझ पड़े , खेल -खेल में छीना -झपटी , मारा -मारी हो गई l दोनों ने अपने माता -पिता से फरियाद की l उनकी शिकायत पर दोनों के अभिभावक भी लड़ पड़े l वर्षों पुरानी मित्रता में दरार पड़ गई l बोल -चाल , मिलना -जुलना , एक दूसरे के यहाँ आना -जाना बंद हो गया l किन्तु दूसरे ही दिन देखा कि दोनों बालक पुन: आपस में मिलकर साथ -साथ खेलने में लगे हैं l न उनमें कोई मनोमालिन्य है , न शिकवा -गिला l दोनों के अभिभावकों ने अपनी भूल सुधारते हुए परस्पर क्षमा याचना की और स्वीकार किया कि बड़ों से तो बालक अच्छे हैं जो लड़कर भी साथ रहते हैं और हम साथ रहते हुए भी लड़ते हैं l
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