'Kindness is a language which the deaf can hear and the blind can read . '
' सेवा ही सच्चा धर्म है । '
हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में विश्व का सबसे बड़ा व्यक्तिक स्तर पर सेवाभाव से खड़ा किया गया एम्बुलेंस संस्थान है । 1948 में अब्दुल सतार इदी ने घायल व्यक्तियों को अस्पताल पहुँचाने के लिये पांच एम्बुलेंस अपनी ओर से लगाकर यह संस्था बनाई । इसे 7. 5 मिलियन डॉलर्स वार्षिक की मदद मिलती है । बिना किसी सरकारी सहायता के यह सेवा चलती है , जिसमे 500 एम्बुलेंस हैं , जो पूरे पाकिस्तान में फैली हैं । रेडिओ नेटवर्क से जुड़ी हैं एवं सारी अत्याधुनिक मशीनों से लैस हैं । इस संस्था के 24 अस्पताल हैं , तीन नशा उन्मूलन पुनर्वास केंद्र हैं , हजारों मुफ्त डिसपेंसरी हैं , महिला सहायता केंद्र हैं , गोद लेने के लिये विनिर्मित केंद्र हैं एवं मुफ्त भोजनालय हैं ,जहां एक लाख से अधिक व्यक्ति रोटी -सालन खा सकते हैं । श्री अब्दुल सतार इदी 17000 नर्सों का एक शिक्षण संस्थान भी चलाते हैं । एम्बुलेंस शवों को भी ले जाती है एवं उन्हें दफनाने की निशुल्क व्यवस्था करती है । श्री इदी ने पिछले 45 वर्षों में एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली है । ( स्रोत - गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स )
' सेवा ही सच्चा धर्म है । '
हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में विश्व का सबसे बड़ा व्यक्तिक स्तर पर सेवाभाव से खड़ा किया गया एम्बुलेंस संस्थान है । 1948 में अब्दुल सतार इदी ने घायल व्यक्तियों को अस्पताल पहुँचाने के लिये पांच एम्बुलेंस अपनी ओर से लगाकर यह संस्था बनाई । इसे 7. 5 मिलियन डॉलर्स वार्षिक की मदद मिलती है । बिना किसी सरकारी सहायता के यह सेवा चलती है , जिसमे 500 एम्बुलेंस हैं , जो पूरे पाकिस्तान में फैली हैं । रेडिओ नेटवर्क से जुड़ी हैं एवं सारी अत्याधुनिक मशीनों से लैस हैं । इस संस्था के 24 अस्पताल हैं , तीन नशा उन्मूलन पुनर्वास केंद्र हैं , हजारों मुफ्त डिसपेंसरी हैं , महिला सहायता केंद्र हैं , गोद लेने के लिये विनिर्मित केंद्र हैं एवं मुफ्त भोजनालय हैं ,जहां एक लाख से अधिक व्यक्ति रोटी -सालन खा सकते हैं । श्री अब्दुल सतार इदी 17000 नर्सों का एक शिक्षण संस्थान भी चलाते हैं । एम्बुलेंस शवों को भी ले जाती है एवं उन्हें दफनाने की निशुल्क व्यवस्था करती है । श्री इदी ने पिछले 45 वर्षों में एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली है । ( स्रोत - गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड्स )
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