महान व्यक्तित्वसंपन्न जीवन का मूल्य व्याख्यान , प्रवचन एवं उपदेश देने में निहित नहीं होता , बल्कि सर्वप्रथम उसे अपने जीवन में उतारने एवं ह्रदयंगम करने में होता है l उनका जीवन एक सीमित दायरे में सिमटा हुआ नहीं होता बल्कि उनका जीवन व्यापक एवं विराट होता है l
प्रख्यात कूटनीतिज्ञ चाणक्य ने अपनी क्षमता से अखंड भारत का निर्माण कर उसे अपने शिष्य चन्द्रगुप्त के हाथों में सौंप दिया और स्वयं ने एक झोंपड़ी में रहना पसंद किया l अपनी आजीविका के लिए वे स्वयं श्रम करते थे l उन्होंने त्याग के मूल्यों को जीवन में संजोकर रखा l
स्वतंत्रता के आन्दोलन में गांधीजी की एक आवाज से समूचा देश खड़ा हो जाता था , असहयोग व अहिंसक आन्दोलन की बाढ़ से जेल की चहारदीवारी छोटी पड़ जाती थी l देश की आजादी के बाद भी उन्होंने अहिंसा और अपरिग्रह के मूल्य को अपनाये रखा , शासन और सत्ता से अपने को दूर रखा l
मनुष्य के व्यक्तित्व की पहचान उसके ऊँचे उद्देश्यों और धार्मिक मूल्यों के प्रति निष्ठा से होती है l अनुकूल समय में इस तरह के पथ पर चलने का प्रवचन देने वाले बहुत मिल जाते हैं , परन्तु प्रतिकूल परिस्थितियों में सच्चे आदर्शों के प्रति निष्ठा दिखाने का साहस विरले ही कर पाते हैं l
प्रख्यात कूटनीतिज्ञ चाणक्य ने अपनी क्षमता से अखंड भारत का निर्माण कर उसे अपने शिष्य चन्द्रगुप्त के हाथों में सौंप दिया और स्वयं ने एक झोंपड़ी में रहना पसंद किया l अपनी आजीविका के लिए वे स्वयं श्रम करते थे l उन्होंने त्याग के मूल्यों को जीवन में संजोकर रखा l
स्वतंत्रता के आन्दोलन में गांधीजी की एक आवाज से समूचा देश खड़ा हो जाता था , असहयोग व अहिंसक आन्दोलन की बाढ़ से जेल की चहारदीवारी छोटी पड़ जाती थी l देश की आजादी के बाद भी उन्होंने अहिंसा और अपरिग्रह के मूल्य को अपनाये रखा , शासन और सत्ता से अपने को दूर रखा l
मनुष्य के व्यक्तित्व की पहचान उसके ऊँचे उद्देश्यों और धार्मिक मूल्यों के प्रति निष्ठा से होती है l अनुकूल समय में इस तरह के पथ पर चलने का प्रवचन देने वाले बहुत मिल जाते हैं , परन्तु प्रतिकूल परिस्थितियों में सच्चे आदर्शों के प्रति निष्ठा दिखाने का साहस विरले ही कर पाते हैं l
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