बाजिल इटली के प्रसिद्ध संत हुए हैं l रोम की जनता उन पर बहुत श्रद्धा रखती थी l इटली का जो नया राजा बना , वह बहुत क्रूर और अत्याचारी था l जब जन सामान्य पर उसके अत्याचार बढ़ने लगे तो एक दिन बाजिल ने राजदरबार में सन्देश भिजवाया कि वे राजा के क्रियाकलापों का विरोध करते हैं l राजा के लिए यह संभव नहीं था कि वह बाजिल जैसे लोकप्रिय संत के विरुद्ध कुछ कर पाता , अत: उसने अपने दूतों को संत बाजिल के पास भेजकर प्रस्ताव रखा कि यदि वे अपना मुंह बंद रखें तो वे अपार धन - दौलत के स्वामी बन सकते हैं l
बाजिल ने उत्तर में कहा --- " मैं परमात्मा का दिया खाता हूँ और धर्म की राह पर चलता हूँ l भगवान का अनुग्रह और सत्य का साथ , यही मेरे हथियार हैं l इस पथ से मुझे लालच दिखाकर या मौत का भय दिखाकर हटाया नहीं जा सकता l " उत्तर प्राप्त होने पर राजा को अपने व्यवहार पर अंकुश लगाना पड़ा एवं जन सामान्य के लिए जीना स्वीकार करना पड़ा l
बाजिल ने उत्तर में कहा --- " मैं परमात्मा का दिया खाता हूँ और धर्म की राह पर चलता हूँ l भगवान का अनुग्रह और सत्य का साथ , यही मेरे हथियार हैं l इस पथ से मुझे लालच दिखाकर या मौत का भय दिखाकर हटाया नहीं जा सकता l " उत्तर प्राप्त होने पर राजा को अपने व्यवहार पर अंकुश लगाना पड़ा एवं जन सामान्य के लिए जीना स्वीकार करना पड़ा l
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