लघु -कथा ---- 1 . लोमड़ी और खरगोश पास -पास रहते थे l खरगोश घास चरता था और खेत को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता था l किसान भी उसकी सज्जनता से परिचित था , इसलिए उसे रहने के लिए एक कोने में जगह दे दी l एक दिन एक लोमड़ी उधर आई और खरगोश से पूछने लगी ----" मक्की पक रही है , कहो तो पेट भर लूँ ? " खरगोश ने कहा --- " खेत से पूछ लो l वह कहे , वैसा करना l " लोमड़ी ने आवाज बदलकर खेत की ओर से कहा --- " खा लो , खा लो l " इतने में किसान का पालतू कुत्ता आ गया l वह सब देख -सुन रहा था l उसने आते ही खेत से पूछा --- " बताओ तो इस धूर्त लोमड़ी को मजा चखा दूँ ? " फिर स्वर बदलकर कहा ---- " धूर्त लोमड़ी की टांग तोड़ दो l ' कुत्ते को झपटते देख लोमड़ी नौ -दो -ग्यारह हो गई l सज्जनता का व्यवहार छद्म युक्त होने के कारण आकर्षक तो लगता है , परन्तु उसकी पोल अंतत: खुल ही जाती है l
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