7 August 2024

WISDOM ------

  पं . श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  ने  प्रज्ञा पुराण  में  लिखा  है -- "  परोपकार रहित  मनुष्य   के  जीवन  को  धिक्कार  है   उसकी  तुलना  में  तो  पशु  श्रेष्ठ  है  ,  उसका  कम  से  कम  चमड़ा  तो  काम  आ  जायेगा  ,  परन्तु  मानवता रहित  मनुष्य  का  जीवन  तो   किसी  के  भी  उपयोग  का  नहीं  रहता  l  हमें  इंसानियत  को  ही  अपना  जीवन  लक्ष्य  मानकर  जीवन  जीना  चाहिए  l "     --------   स्वर्ग  में  किसी  की  शोभा  यात्रा  निकल  रही  थी   l  किसी  ने  पूछा  ---- " इस  पालकी  में  कौन  बैठा  है  ? "   उत्तर  मिला ---- " एक  शेर  बैठा  है  l "  प्रश्न कर्ता  ने  पूछा  ---- " शेर  को  स्वर्ग  का  वैभव  कैसे  प्राप्त  हुआ  ? "  उत्तर  मिला ---- "  एक  रात  को  बहुत  आँधी  , तूफान   व  बरसात  होने  लगी  थी  l  शेर  अपनी  गुफा  को  लौट  रहा  है  l  उसे  गंध  से  मालूम  पड़ा  कि   उसकी  अँधेरी   गुफा  में  एक  बकरी  आकर  बैठ  गई  है  l  "  "  शेर  ने  विचार  किया  कि  यदि  बकरी  मुझे  देख  लेगी   तो  भयभीत  हो  जाएगी  ,  इसलिए  वह  गुफा  के  बाहर  ही  बैठ  गया  l  वह  रात  भर   पानी  में  भीगता  रहा  ताकि   बकरी  को  कष्ट  न  हो  ,  इसलिए   स्वयं  कष्ट  उठाता  रहा  l  बकरी  के  प्राण  बचाने   के  पुण्य  के  फलस्वरूप  ही  उसको  स्वर्ग  मिला  है   l  "   परोपकार  कभी  भी  व्यर्थ  नहीं  जाता  l  

No comments:

Post a Comment