13 September 2025

WISDOM -------

 पं . श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  कहते  हैं  ---- 'अहंकार  सारी  अच्छाइयों  के  द्वार  बंद  कर  देता  है  l "  अहंकार  एक  ऐसा  दुर्गुण  है  जिसके  पीछे  अन्य  बुराइयाँ  अपने  आप  खिंची  चली  आती  हैं  l   यहाँ  कोई  भी  अमर  होकर  नहीं  आया  ,  इसलिए  अहंकार  व्यर्थ  है  l  एक  कथा  है  ---- एक  फकीर  ने  किसी  बादशाह  से कहा  --- " खुद  को  बादशाह  कहते  हो  और  जीते  हो  दंभ  और  अहंकार  में  l  सच्चा  बादशाह  तो  वही  होता  है  ,  जो  जीवन  के  सब  रहस्यों  को  समझकर   इसके  आनंद  को  अनुभव  करे  l  "  बादशाह  को  फकीर  का  कहा  सच  अप्रिय  लगा  ,  सो  उसने   फकीर  को  कैद  कर  लिया  l  फकीर  के  एक  मित्र  ने  उससे  कहा  --- "  आखिर  यह  बैठे बैठाए   मुसीबत  क्यों  मोल  ले  ली  ?  न  कहते   वे  सब  बातें  ,  तो  तुम्हारा  क्या  बिगड़  जाता  l  "  मित्र  की  बात  सुनकर  फकीर  हँस  पड़ा   और  बोला  ---- "  मैं  करूँ  भी  तो  क्या करूँ  ?  जब  से  खुदा  का  दीदार  हुआ  है  ,  झूठ  तो  बोला  ही  नहीं  जाता  l "  मित्र  ने  कहा  --- "  यह  कैद  कितनी  कष्टप्रद  है   !  जाने  कब  तक  ऐसे  ही  रहना  पड़े  ? "   फकीर  ने  अपने  जीवन  को  परमात्मा  के  चरणों  में  समर्पित  कर  दिया  था  ,  उसने  बड़ी  निश्चिंतता  से  कहा  --- " इस  कैद  का  क्या  ?  यह  कैद  तो   बस   घड़ी  भर  की  है  l  "   फकीर  की  बात  एक  सिपाही  ने  सुन  ली   और  बादशाह  को  भी  बता  दिया  l  सिपाही  की  बात  सुनकर  बादशाह  ने  कहा  ---" उस  पागल  और  फक्कड़  फकीर  से  कहना   कि   यह  कैद  घड़ी  भर  की  नहीं  ,  बल्कि  जीवन  भर  की  है  l  उसे  जीवन  भर   इसी कालकोठरी  में  सड़ते  हुए  मरना  है  l  जीवन  भर   उसे   उसी  कैद  में   रहते  हुए   यह  याद  रखना  होगा  कि  मैं  भविष्य  को   अपनी  मुट्ठी  में  भर  सकता  हूँ  l "    फकीर  ने  जब  बादशाह  के  इस  कथन  को  सुना   तो  हँसने  लगा  l  फकीर  ने  कहा  --- "  ओ  भाई  !   उस  नादान  बादशाह  से  कहना  कि  उस  पागल  फकीर  ने  कहा  है  कि  क्या  जिन्दगी  उसकी  मुट्ठी  में   कैद  है  ?  क्या  उसकी  सामर्थ्य  समय  के  पहिए  को  थामने  की  ताकत  रखती  है  ?  क्या  उसे  पता  है  कि  पल  भर   के  बाद  क्या  घटने  वाला  है  ?    फकीर  की  बात  बादशाह  तक  पहुंचे  , तब  तक  अचानक  क्या  हो  गया   ?-------  नए  बादशाह  ने  फकीर  को  आजाद  कर  दिया   और  फकीर  के  उपदेशों  को  आत्मसात  किया  l  

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