3 January 2013

ILLUSION

मुर्गा बांग देता और सूरज उगता ।एक व्यक्ति को विश्वास हो गया कि सूरज उगता ही उसके मुर्गे की बांग से है ।एक दिन उस आदमी का गाँव वालों से झगड़ा हो गया ।उसने कहा -याद रखना यदि मैं अपने मुर्गे को लेकर गाँव से चला जाऊंगा ,तो सूरज न उगेगा तुम्हारे गाँव में ।बैठे रहना अंधेरे में ।वह मुर्गा लेकर दूसरे गाँव चला गया ।दूसरे दिन तड़के मुर्गे ने बांग दी और सूरज निकला इस गाँव में ।उस आदमी ने कहा -अब पीटते होंगे सिर उस गाँव के लोग ।मुझसे बिगाड़ कर व्यर्थ ही अंधकार की मुसीबत मोल ले ली ।उसे भ्रम था कि जहां उसका मुर्गा बांग देता है सूरज वहीँ निकलता है ।अच्छे -अच्छों को भ्रम हो जाता है कि उनके बिना काम नहीं चल सकता ।

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