8 May 2013

WISDOM

संसार रूपी इस जीवन -समर में ,जो स्वयं को आनंदमय बनाये रखता है ,दूसरों को भी हँसाता रहता ,वह ईश्वर का प्रकाश ही फैलाता है | यहां जो कुछ भी है ,आनंदित होने तथा दूसरों को प्रसन्नता देने के लिये ही उपजाया गया है | जो कुछ भी बुरा व अशुभ है ,वह मनुष्यों को प्रखर बनाने के लिये मौजूद है | जो प्रतिकूलताओं से डरकर रो पड़ता है ,कदम पीछे हटाने लगता है ,उसकी आध्यात्मिकता पर कौन विश्वास करेगा |
             कठिनाइयाँ एक ऐसी खराद की तरह हैं ,जो मनुष्य के व्यक्तित्व को तराश कर चमका दिया करती हैं | कठिनाइयों से लड़ने और उन पर विजय प्राप्त करने से मनुष्य में जिस आत्मबल का विकास होता है ,वह एक अमूल्य संपति होती है ,जिसको पाकर मनुष्य को अपार संतोष होता है | कठिनाइयों से संघर्ष पाकर जीवन में ऐसी तेजी उत्पन्न हो जाती है ,जो पथ के समस्त झाड़ -झंखाड़ों को काटकर दूर कर देती है | 

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