19 January 2018

WISDOM ------ किसी के प्राण लेना बहुत सरल है लेकिन किसी को जीवित करना संभव नहीं है

  नादिरशाह  अपनी  क्रूरता  के  लिए  विख्यात  था  l  वह  दिल्ली  में  भयानक  कत्लेआम  मचा  चुका  था  l  चप्पे - चप्पे  पर  लाशें  बिछी  हुईं  थीं  l   द्रश्य  वीभत्स  था  l  इसे  देखकर  एक  वजीर  का  दिल  भर  आया  ,  लेकिन  नादिरशाह  से  कैसे  कहें   ?   वजीर  बहुत  समझदार  था ,  शाम  को  जब  नादिरशाह  नमाज    पढ़ने के  लिए  निकला    तो  उस  वजीर  ने  अमीर  खुसरो  का  का  एक  शेर  नादिरशाह  को  सुनाया -----शेर  था -----     आपकी  कहर  की  निगाह  से  न  बच  सका  कोई    l 
        आपने  सबको  मार  डाला  निगाहें  नाज  से 
        अब  उन्हें  जिन्दा  भी  कर  दें  निगाहें  लुत्फ  से   l 
  इस  शेर    के  माध्यम  से   वजीर  ने  नादिरशाह    पर  कटाक्ष  किया   कि  यदि  वह  लोगों  के  प्राण  लेने  में  सक्षम  है  तो   वह  क्या  उनका   जीवन  लौटा  सकता  है  ?    यदि  नादिरशाह  ऐसा कर  सके   तो  वह  उन्हें   जिन्दा  कर  दे  ,  ताकि  उन्हें  फिर  से  मारा  जा  सके   अन्यथा  लाशों  से   भरी   दिल्ली  में  वह   अब  किसका  कत्लेआम  करेगा   l
  यह  शेर  नादिरशाह  के  दिल  में  गहरा  चुभ  गया   और  उसने  कत्लेआम  का  हुक्म  वापस  ले  लिया   l 
     

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