15 June 2018

WISDOM ---- अच्छे कर्मों पर भरोसा रखना चाहिए , मुफ्त के चमत्कारों पर नहीं

   मनुष्य  का  यह  स्वभाव  है   कि  वह  सरलता  से  बहुत  कुछ  पाना  चाहता  है   l  ईश्वर  सर्वशक्तिमान  है    उसकी  कृपा  माला  घुमाकर ,  फूल - प्रसाद  चढ़ाकर  और  सबसे  बढ़कर  संतों  और  धर्म  के  ठेकेदारों  को  खुश  कर  के  मिल  जाये  तो  क्या  बुराई  है ,  ऐसी  सोच  के  कारण   ही   धर्म  का  सच्चा  स्वरुप  खो  गया  और  आज  धर्म  ने  भी  एक  व्यवसाय  का  रूप ले  लिया  ,  जिसमे  लाखों  लोगों  को  रोजगार  मिल  जाता  है   l  जिसको  कहीं  कोई  रोजगार  नहीं  है  उसके  लिए  यह  क्षेत्र  खुला  है   l 
  पूजा - पाठ ,  भजन - पूजन ,  कर्मकांड  आदि  सब  कुछ  बहुत  अच्छा  ,  पवित्र  भावना  से  यह  सब  कुछ  होने  से  वातावरण  शुद्ध  होता  है    लेकिन    आज  की  सबसे  बड़ी  समस्या  यही  है  कि  आज  पवित्र  भावना  का  अभाव  है   l  स्वार्थ ,  लालच , अनीति , अत्याचार , शोषण , कर्तव्य  की  चोरी  जैसी   दुष्प्रवृतियों  , अनैतिक  इच्छाओं  की  पूर्ति  व्यक्ति  धर्म  की  आड़  में  ही  करता  है   l
    संसार  में  केवल  पर्यावरण  प्रदूषण नहीं  है  ,  विचारों  और  भावनाओं  का  प्रदूषण  बहुत  गहरा   है    l   यदि  कोई  व्यक्ति   बहुत  दुष्ट ,  पापी  है  ,  कपटी  है  तो  उसकी  नकारात्मकता  के  कारण  उसकी  उपस्थिति  ही  कष्टकारक  होती   है  ,  जब  ऐसे  लोगों  की  अधिकता  हो  जाती  है   तो  पूरा  वातावरण  ही  कितना   कष्टकारी  हो  जाता    है  इसका  अनुमान  लगाया  जा  सकता है  l  l  समाज  में बढ़ते  अपराध      भी  इसी  का  परिणाम  है  l                                                                                                                                                                                                                 

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