14 August 2018

WISDOM ------ अध्यात्म का सार ---- आंतरिक परिष्कार है

   एक  संत  अपने  शिष्यों  के  साथ  गंगा  किनारे  बैठे  हुए  थे  l  उनसे  थोड़ी  दूर  एक  व्यक्ति   गंगा   नहा  रहा  था   l   उसने  बहुत  देर  तक  गंगा स्नान  किया   फिर  किनारे  बैठकर  भोजन  करने  लगा   l  उसी  समय  एक  अपंग  व्यक्ति   उसके  पास  आकर  भोजन  की  याचना  करने  लगा   l  उसे  कुछ  देने  के  बजाय  वह  व्यक्ति  उस  अपंग  को  भद्दी  गालियाँ  देने  लगा   और  अपने  पास  से  हटाने  के  लिए   धक्का  भी  देने  लगा  l   यह  देख  संत  शिष्यों  से  बोले ---- "  आज  गंगा  स्नान  का  पाप  भी  देख  लिया  l  "  वे  बोले  ---- "केवल  बाहर  से  शरीर  साफ  कर  लेने  से    मन  पर  चढ़ा  मेल  दूर  नहीं  होता  l  जिसके  ह्रदय  में  दीन - दुःखियों  के  लिए  करुणा  नहीं ,  संवेदना  नहीं ,  वो  लाख  प्रयत्न  कर  ले  ,  उसे  पुण्य  का  नहीं  ,  केवल  पाप  का  भागी  बनना  पड़ेगा  l    अध्यात्म  का  सार  बाह्य  क्रिया कलापों  में  नहीं  ,  वरन  आंतरिक  परिष्कार  में  है   l  "

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