21 September 2018

WISDOM -----

 अर्नाल्ड  टायनबी  लिखते  हैं ---- "हमारे  कर्म  हमारे  लिए  एक  नैतिक  स्तर  का  बैंक   अकाउन्ट  बनाते  हैं   जिसमे  क्रैडिट  व   डैबिट  का  संतुलन  चलता  रहता  है  I हर  कर्म  के  साथ  ताजी  एंट्री  होती  रहती  है   व  दोनों  खाते  हर  बार  रिन्यू  होते  रहते  हैं  I "  वे  लिखते  हैं  कि---- " बड़ी निराली  व्यवस्था  भारतीय  ऋषियों  की  यह  है   जिसमे  व्यक्ति   गणितीय  सिद्धांत  के  अनुसार   शुभ  कर्म  करते  हुए   अपने  लिए  देवत्व  का  शुभ   मार्ग  चुन  सकता  है   l  "
 एक  स्वचालित  ' कर्म  पुरुषार्थ ' का  चक्र  सतत  चल  रहा  है  I

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