6 October 2018

WISDOM ----- कोई भी शक्तिमान , सामर्थ्यवान हो सकता है , पर भगवान नहीं

   अति  का  अहंकार  नाश  का  कारण  होता  है  l   दसों  दिशाओं  में  रावण  का  आतंक  फैला  था  l  कोई  यह  सोच  भी  नहीं  सकता  था   कि  उसका  विरोध - प्रतिरोध  किया  जा  सकता  है   l  अनीति  जब  चरम  सीमा  पर  पहुंची  ,  राम जन्म  की  तैयारी  होने  लगी  l  तब  भगवान  की  सहायतार्थ   देवता --- रीछ , वानर , गिद्ध  आदि    जाग्रत  वरिष्ठ  आत्माओं  के  रूप  में  जन्मे   और  अपने  शौर्य - साहस  का  परिचय   देते  हुए  धर्म  युद्ध  में  सहायक  होकर   अवतार  के  प्रयोजन  की  पूर्ति  की   l  

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