29 November 2018

संत की महिमा

  गुरु  नानक  साहब  मुलतान  पहुंचे  l वहां  के  पीर - फकीरों  ने  उनकी  परीक्षा  ली  कि  यह  व्यक्ति  वास्तव  में  कौन  है  ?   उन  लोगों  ने  एक  दूध  से  लबालब  कटोरा  उनके  पास  भेजा  l  सन्देश  यह  था  कि   इसमें  एक  भी  अतिरिक्त बूंद  की  गुंजाइश  नहीं  है  l मुलतान  शहर  में   कई  पहुंचे  हुए  पीर - फकीर - संत  हैं  ,  उनके  लिए वहां  कोई  जगह  नहीं  है  l 
  गुरु  नानक देव   सब  जानते  थे  l  उनने  दूध  के  कटोरे  में  दो  बताशे  डाल  दिए  और  एक  गुलाब  की पंखुड़ी  डाल  दी   l   आशय  यह  था  कि   बताशा  अपनी  मिठास  से  जिस  तरह  दूध  को  मीठा  कर  देता  है   तथा  फूल  के  रहते   कभी  दूध  बिगड़  नहीं  सकता  ,  उसकी  सुगंध  ही  फैलती  है  ,  उसी  तरह  उनके  यहाँ  आने  से   किसी  को हानि  नहीं  पहुंचेगी  , उलटे  सत्संग  का   और  ज्ञान का  लाभ  ही  होगा  l सन्देश मिला  l  सभी  पीरों  ने जाना  कि   सचमुच  एक  औलिया`  सिद्ध  पुरुष  आया  है  l  सभी  उनसे  मिलने  आये  और  सभी  ने  मिलकर  सत्संग  का  आयोजन  किया   l  

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