15 March 2019

WISDOM ------ ---

 मंदिरों  में  शंख   और  घड़ियाल,  गिरजाघरों  में  घंटियाँ  ,  मस्जिदों  में  अजान  के  स्वर   गूंजे   l  सभी  धर्मावलम्बी  अपने  अपने  पूजा  स्थलों  की   ओर  चल  पड़े   l
 मस्जिद  की  मीनार ,   गुरूद्वारे  का  निसान   साहिब  ,   मंदिर  का  गुम्बद   और  गिरजाघर  का  क्रास    भक्तों  की  भारी  भीड़  को    आता  देख   आपस  में  विस्मय  की  मुद्रा  में  मुस्कराए   l
  मस्जिद  की मीनार  ने    निसान  साहिब ,  गुम्बद  और  क्रास  से  कहा ---- "  भाईसाहब  !  ये  इन्सान  भी  क्या  खूब  है   ?  यह  सारी  भीड़    अभी  अपने - अपने   पूजाघरों  में   जाकर  भगवन  के सामने  बड़ी   भोली  बनकर   वेड मन्त्र ,  आयतें   और  कवितायेँ  गाएगी  ,  परवरदिगार  से  दुआ  करेगी  की  हमसे   कोई  गलती  न  हो  ,  हमारी  नियत  साफ  रहे , हम  नेक  इनसान  बनें ,      फिर  न  जाने  इस  पूजाघर  के  बाहर   क्या  हो  जाता  है  l  तब  इन्सान  का  दूसरा  मुखौटा  होता  है   l  भोला   बनने   वाला वही         इन्सान  शोषक  बन  जाता  है   और  सजातीय मनुष्यों  का  गला  काटने  से   भी  नहीं  चुकता  l "
 मंदिर  के  गुम्बद  ने  कहा ---- " चुप  रह  बहन  !  धीरे  बोल  l  यदि  इन  मनुष्यों  ने  सुन  लिया  तो   तेरी - मेरी   और  इन  सब  पूजाघरों  की  खैर  नहीं    l  यह  इन्सान  बड़ा  जिद्दी  है  ,  अपने  को  छोड़कर  सबको   मूर्ख      समझता  है   l  यही  इसकी  आज  की  दुर्गति  का  कारण  है   l  

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