15 May 2019

WISDOM-----

पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने अखंड ज्योति में लिखा है कि --- आलस्य और प्रमाद में पड़ा हुआ व्यक्ति यह देख ही नहीं पाता कि उसके सौभाग्य का सूर्य दरवाजे पर हर दिन आता है और कपाट बंद देखकर निराश वापिस लौट जाता है l आचार्य जी ने आगे लिखा है --- ईश्वर ने मनुष्य को एक साथ इकट्ठा जीवन न देकर उसे अलग - अलग क्षणों में टुकड़े -टुकड़े कर के दिया है l नया क्षण देने से पूर्व वह पुराना वापिस ले लेता है और देखता है कि उसका किस प्रकार उपयोग किया गया l इस कसौटी पर हमारी पात्रता को परखा जाता है l यदि उन क्षणों की उपेक्षा की , तिरस्कार किया तो वे दुखी और निराश होकर वापिस लौट जाते हैं किन्तु यदि उनका स्वागत किया जाये , सदुपयोग करें तो वे बहुमूल्य क्षण मूल्यवान संपदाओं का उपहार देकर ही जाते हैं l

No comments:

Post a Comment