21 September 2019

WISDOM ------

    नोबेल  पुरस्कार  विजेता  श्री  बर्नार्ड  शा   ने  स्कूल में  बहुत  कम  शिक्षा  पाई  थी   और  16  वर्ष  की  आयु में ही  दफ्तर में  क्लर्की  करने  लगे  थे  l  वे  सच्ची  और  खरी  बात  कहने  ,  तीखे  व्यंग्य  द्वारा   लोगों  को  उनकी  कमजोरियों  का  ज्ञान  कराने  वाले  थे   l  इसलिए  वे  धीरे - धीरे  एक  प्रसिद्ध  आलोचक  और  नाटककार  बन  गए   l
बर्नार्ड  शा  के  एक  नाटक  '  मिसेज  वारेन्स  प्रोफेशन '   में  समाज  में  फैली   वेश्यावृति  पर  आक्रमण  किया  गया  है  l  उसमे  दिखाया  गया  है  कि  जो  लोग  समाज  में  ऊपर  से ' सज्जन '  और  ' सभ्य '  बने  रहते  हैं  ,  उनमे  से  कितनों  का  ही   भीतरी  जीवन    कैसा  पतित  होता  है  l  इस  नाटक  की  प्रमुख  शिक्षा  यही  है  कि  --- दुरंगा  व्यक्तित्व रखना  नीचता  का  लक्षण  है  l  जो  जैसा  है   उसे  वैसा  ही  जीवन  व्यतीत  करना  चाहिए   l

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