21 March 2020

WISDOM -----

                ' कलि  काल  कुठार  लिए  फिरता , तुझसे  वह  चोट  झिली  न  झिली  ,
                 भेज  ले  हरि  नाम  अरे  रसना  ,  फिर  अंत  समय  में  हिली  न  हिली  l 
  कहते  हैं -- मौत  के  अनेक  बहाने  होते  हैं ,  लेकिन  जीवन  रक्षा  के  अनेक  सहारे  होते  हैं  l   एक  आखिरी  सहारा  ईश्वर  का  होता  है  l   द्रोपदी  चीर  हरण  के  वक्त  जब  तक  सभासदों  से  अनुनय - विनय  करती  रही  ,  अपने  वीर  पति  की  वीरता  की  दुहाई  देती  रही  तब  तक  भगवान   नहीं  आये  l   जब   वह  सारे  प्रयास  कर  के  थक  गई   और  श्रद्धा  व  विश्वास  से  भगवान   को  पुकारा   तब  भगवान   दौड़े  चले  आये  l
    भगवान   आते  तो  अवश्य  हैं  ,  हम  उन्हें   प्रेम  से  पुकारें  तो   l
  आज  की  संसार  की  परिस्थिति  देखें  तो  लगता  है   सर्वशक्तिमान  प्रकृति  माँ  हमसे  नाराज  हैं  ,  क्रोधित  हो  रहीं  हैं  l   उनकी  नाराजगी  को  दूर  करने  का  एक  ही  तरीका  है  ----- ' एक  निर्धारित  समय '  पर  हम  सब  एक  साथ  बोलकर  या  मानसिक  रूप  से  गायत्री  मन्त्र  का  जप  करें  या  अपनी  सुविधा  अनुसार  जो  भी  आपकी  पूजा  विधि  हो  उससे   अपने  ईश्वर  की  ,  उस  सर्व  शक्तिमान  अज्ञात   शक्ति    की  प्रार्थना  करें  l  और  साथ  ही  अपनी  किसी  एक  बुरी  आदत  को  छोड़ने  का  संकल्प  लें  l 
    हमारे  भीतर   बुराइयां  तो  बहुत  हैं ,  सबको  एक  साथ  छोड़ना  बहुत  कठिन  है  l पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  का  कहना  है  ---- हम  अपने  दोषों  को  एक - एक  कर  के  दूर  करें  l   एक  अवगुण  त्यागें  और  उसके  खाली    हुए  स्थान  पर  एक  सद्गुण  ग्रहण  करें  l  इस  तरह  धीरे - धीरे  हमारा  व्यक्तित्व  परिष्कृत  होता  जायेगा  l

No comments:

Post a Comment