28 June 2021

WISDOM -----

   पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं  ---- ' श्रम  एक  बहुत  महत्वपूर्ण  विभूति  है  l   यह  एक  ऐसी  कुदाल  है  ,  जिसके  माध्यम  से  हम   अपने  व्यक्तित्व  की  विभूतियों  को  खोद  सकते  हैं   l   हमारा  जीवन  हमारे  समक्ष  जो  भी  परिस्थितियां  ,  चुनौतियां   प्रस्तुत  करे   ,  उनमे  हमें  घबराकर     श्रम  करने  से    पीछे  नहीं  हटना  चाहिए   l   ऐसा  करने  पर  ही   हमारा  जीवन  ,  हमारी  उन्नति  का  द्वार  बनता  है   l   जहाँ  पर  हम  खड़े  हैं  ,  वही  दरवाजा   हमारे  लिए  प्रगति  का  द्वार  बन  जाता  है   l   "  आचार्य श्री  लिखते  हैं   श्रम  के  साथ  भावना  और  मनोयोग    तथा  बुद्धि  और  विवेक   के  जुड़ने  पर  ही   श्रम   का  महत्वपूर्ण  परिणाम  मिलता  है  l   जब  श्रम  सेवा  में  तब्दील  हो  जाता  है   तब  यह  और  भी  व्यापक   और  आध्यात्मिक  बन  जाता  है   और  व्यक्तित्व  की  प्रगति  के  द्वार  खोलता  है   l   जब  हम  सेवा  के  माध्यम  से  श्रम  करते  हैं    तो  हम  निजी  जीवन  को  समृद्ध  बनाते  हैं  और  अपने  व्यक्तित्व  को  व्यापक  बनाते  हैं   l 

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