13 January 2022

WISDOM ------

   स्वस्थ  जीवन  बिताने  के  लिए   सूर्य  से  सहायता  लेने  की  बड़ी  आवश्यकता  है  l   भगवान  भास्कर  में  इतनी  प्रचंड  रोगनाशक  शक्ति  है  ,  जिसके  बल  से  कठिन  से  कठिन   रोग  दूर  होते  हैं  l  जब  से  हमने  सूर्य  रश्मियों  का  अनादर  किया  ,  बंद  जगहों  में  निवास   करना  सभ्यता  में  शामिल  किया  ,  तब  से  हमने  अपने  बहुमूल्य  स्वास्थ्य  को  गँवा  दिया  l   पृथ्वी  का  केंद्र  सूर्य  है  , इस   महत्व    को  समझकर  ही  हमारे  प्राचीन  आचार्यों  ने   सूर्य  प्राणायाम , सूर्य  नमस्कार  , सूर्य  चक्र  बेधन  आदि   अनेक  क्रियाओं  को  धार्मिक  स्थान  दिया  l  प्रसिद्ध   दार्शनिक  न्योची   का  मत  है ---- " जब  तक  दुनिया  में  सूरज  मौजूद  है  ,  तब  तक  लोग   व्यर्थ  ही  दवाओं  की  तलाश  में  भटकते  हैं  l   उन्हें  चाहिए   कि   इस  शक्ति , सौंदर्य  और  स्वास्थ्य   के  केंद्र  सूर्य  की  और  देखें   और  उसकी  सहायता  से  अपनी  असली  अवस्था  को  प्राप्त  करें   l  "   गायत्री  मन्त्र  के  देवता   सविता  देव  ( सूर्य )  ही  हैं  l  मनुष्य  का  अहंकार   नकली  सूर्य  बनाने  का  दावा   करता  है   लेकिन   गायत्री  मन्त्र  के  जप  और  सविता  देव  की  उपासना  से  जो  विवेक  जाग्रत  होगा ,  सद्बुद्धि  आएगी   वह  नकली  सूर्य  से   कभी  नहीं  आएगी  l   विज्ञानं  और  वैज्ञानिक  आविष्कारों  का  अपना  महत्व   है   लेकिन   जो  शक्ति  मानव  मन  को  रूपांतरित  कर  उसे   इनसान   बनाये , उच्च  अवस्था  में  पहुंचाए   , वह  शक्ति  भारतीय  अध्यात्म  में  है  l 

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