8 May 2022

WISDOM -----

   आनंदमयी  माँ  न  तो  पढ़ी -लिखी  थी  और  न  ही  उन्होंने  धार्मिक  ग्रंथों  का  अध्ययन  किया  था  ,  पर  वे  उच्च  स्तर  के  संतों   और  विद्वानों  के  प्रश्नों  का  बराबर   उत्तर  देती  थीं  l  एक  बार  ढाका  में   दार्शनिकों  का  सम्मेलन   हो  रहा  था   l  प्रसिद्ध  दर्शनशास्त्री   महेंद्र  सरकार  ने  प्रश्न  किया  --- ' माँ , आपने  दर्शनशास्त्र  का  अध्ययन  किया  है   ? '    ' क्यों  ?  उन्होंने  पूछा   l    महेंद्र  सरकार  बोले --- " आपसे  जितने  सवाल  किए  गए   और  आपने  जो  उत्तर  दिए  ,  वे  सभी  दर्शनशास्त्र  के  अनुरूप  थे  l  यह  कैसे  संभव  हुआ ,  यह  जानने  की  इच्छा  है   ? '  इस  सवाल  के  जवाब  में  माँ  बोलीं --- " यह  समस्त  अस्तित्व  एक  विराट  ग्रन्थ  है  l   इसकी  रचना  स्वयं  आदिशक्ति  ने  की  है   l  उनकी  कृपा  से  जिसे   इस  ग्रन्थ  का  बोध  हो  जाता  है  ,  उसे  फिर  कुछ  भी  जानना  शेष  शेष  नहीं  रहता   l  

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