7 September 2022

WISDOM -----

   महाराजा  सगर  की  दोनों  रानियों  ने  तप  किया   और  वरदान  मांगने  के  अवसर  पर   एक  ने  हजार  पुत्र  माँगे  और  दूसरी  रानी  ने  एक  पुत्र  माँगा  l  समुचित  भावनात्मक  पोषण  के  अभाव  में  हजारों  पुत्र  झगड़ालू , उपद्रवी  और  अनाचारी  निकले  l  अंतत:  अपने  दर्प  एवं  दुर्बुद्धि  के  कारण  महर्षि  कपिल  के  साथ  अन्याय  कर  बैठे  और  मारे  गए  l  दूसरी  रानी  का  जो  एकमात्र  अकेला  पुत्र  था  उसने  समुचित  भावनात्मक  पोषण , मार्गदर्शन  प्राप्त   कर  महर्षि  कपिल  को  भी  प्रसन्न  कर  लिया  तथा  राज्य  का  समुचित  सञ्चालन  भी  किया  तथा  कीर्ति  का  भागीदार  बना  l  नीतिशास्त्र  में  इसलिए  कहा  भी  गया  है  ----- 'सैकड़ों  मुर्ख  बेटों  की  अपेक्षा   एक  ही  गुणी  पुत्र  श्रेष्ठ  है  l  जैसे  अकेला  चाँद  अंधकार  को  दूर  करता  है  ,  हजारों  तारे  नहीं  l  उसी  प्रकार  एक  गुणी  पुत्र  समाज  में  अंधकार  को  दूर  करता  और  प्रकाश   फैलाता  है  l ' 

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