31 October 2022

WISDOM -----

  ' यदि  हम  कुछ  सीखना  चाहें  तो  प्रकृति  के  हर  कण  से  कुछ -न -कुछ  सीख  सकते  हैं  , बस !  सीखने  की  चाहत  होनी  चाहिए  l '  एक  कथा  है ---- पुराने  समय  की  बात  है  जब  कबूतर  झाड़ियों  में  अंडा  देते  थे  l  उनके  अंडे  दूसरे  प्राणी  आकर  खा  जाया  करते  थे  l   कबूतरों  ने  चिड़ियों  से  इसका  समाधान  पूछा   तो  चिड़ियों  के  राजा  ने  उन्हें  पेड़  की  डाल  पर  घोंसला  बनाने  की  सलाह  दी  l  कबूतरों  ने   वहां  घोंसला  बनाने  का  प्रयत्न  किया  , परन्तु  वह  ढंग  से  नहीं  बन  पाया   तो  उन्होंने  चिड़ियों  को  सहायता  हेतु  बुलाया  l  सभी   चिड़ियाँ  मिलकर   उन्हें  व्यवस्थित  घोंसला  बनाना  सिखा  रही  थीं  कि  कबूतर  बोले  --- " हाँ , हाँ ,  हमें  ऐसा  बनाना  आता  है , अब  हम  बना  लेंगे  l "  चिड़ियाँ  यह  सुनकर  चली  गईं  l  कबूतरों  ने  फिर  घोंसला  बनाने  की  कोशिश  की  , परन्तु  उनसे  घोंसला  नहीं  बना  l  अनुनय - विनय  करने  पर  चिड़ियाँ  दोबारा  आईं   और  उन्हें  तिनका  लगाना  सिखाने  लगीं  l  अभी  आधा  घोंसला  बना  था   कि   कबूतर  उछलकर  बोले  ---- " ऐसा  बनाना  तो  हम  भी  जानते  हैं  l "  यह  सुनकर  चिड़ियाँ  फिर  चली  गईं  l  कबूतरों  ने  फिर  घोंसला  बनाया  ,  पर  उनसे  नहीं  बना  l   कबूतरों  ने  फिर  से  चिड़ियों  से  प्रार्थना  की  ,  इस  बार  चिड़ियों  ने   उनको  यह  कहते  हुए  सिखाने  से  मना  कर  दिया  --- " जो  कुछ  न  जानते  हुए  भी   यह  मानते  हैं  कि  हम  सब  जानते  हैं  ,  उन  मूर्खों  को  कुछ  नहीं  सिखाया  जा  सकता  l "  तब  से  आज  तक  कबूतर  अव्यवस्थित  घोंसला  ही  बनाते  हैं  l  

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