24 March 2023

WISDOM ---

     लघु -कथा -----  बहुत  पुरानी  बात   है  l  दो  मित्र  थे  l  एक  का  नाम  था  सत्य  और  दूसरे  का  नाम  था   असत्य  l  सत्य  जहाँ  भी  जाता  वहां  उसका  सम्मान  होता   लेकिन   असत्य   का  सब  तिरस्कार  करते  l  इस  कारण  उसे  सत्य  से  बहुत  ईर्ष्या  होती  थी  l  ईर्ष्या  इतनी  प्रबल  हो  गई  कि  उसने  एक  चाल  चली  l  उसने  सत्य  से  कहा  -- आज  बहुत  गर्मी  है  चलो  नदी  में  स्नान  कर  आएं  l   सत्य जब  स्नान  कर  रहा  था ,  उस  समय  असत्य  चुपचाप  नदी  से  निकला  और  सत्य  के  श्वेत  धवल  वस्त्र  पहनकर  भाग  गया  l  बाहर  निकलने  पर  सत्य  को  विवश  होकर  असत्य  के  वस्त्र  पहनने  पड़े  l  उस  दिन  से  अब   लोग  असत्य  को  ही  सत्य  समझने  लगे  और  हर  जगह  असत्य  को  पूजा  जाने  लगा  l    श्वेत  वस्त्र  धारण  करने  से  असत्य  के  मन  की  मलिनता  नहीं  गई   l  अहंकार  लोभ , बदले  की  भावना  और  प्रबल  होती  गई  l   त्रेतायुग , उसके  बाद  द्वापरयुग  फिर  कलियुग  आ  गया   l  हर  युग  में  अत्याचारी , अन्यायी  जो  असत्य  पर  थे  , अत्याचारी  व  अन्यायी  थे  वे  राज  करते  रहे  औए  सत्य  व  न्याय  पर  चलने  वाले   वनों  में  भटके , अत्याचार  व  अन्याय  को  सहते  रहे  l  जब  अति  हो  गई  तब  सत्य  और  धर्म  पर  चलने  वाले  सब  एकत्रित  होकर  विधाता  के  पास  गए   और  कहा ---- प्रभु  !  यह  कैसा  न्याय  है  !  हम  आपकी  शिक्षा  के  अनुसार  सत्य  के  मार्ग  पर  हैं   लेकिन  छल , कपट  और  षड्यंत्र  करने  वाले  असुर  हम  पर  अत्याचार  कर  रहे  हैं  l  विधाता  ने  कहा --- "  अत्याचार    व  अन्याय  का  अंत  करने  के  लिए   ईश्वर  ने  समय -समय  पर  अवतार  लिया  है   l  कलियुग  में  असुरता  के  तार  सम्पूर्ण  पृथ्वी  पर  फैले  हुए  हैं  l  चाहे  वह  परिवार  हो , समाज , संस्थाएं  , राष्ट्र   और  सम्पूर्ण  संसार  में  छल , कपट  और  षड्यंत्र  अपने  चरम  पर  है  , मनुष्य  का  मनुष्य  पर  से  विश्वास  उठ  गया  है , बच्चे  जो  ईश्वर  का  रूप  हैं  वे  भी  सुरक्षित    नहीं  हैं  l  पृथ्वी  , जल , वायु   सभी  कुछ  प्रदूषित  हो  गया  है  l  '  विधाता  ने  मनुष्यों  को  आश्वासन  दिया  कि ----"  कलियुग  में  वह  समय  अति  शीघ्र  आने  वाला  है  जब  हर   छोटे -बड़े  षडयंत्रकारी   का  पर्दाफाश  होगा  ,  लोगों  का  नकाब  उतरेगा ,  उनकी  असलियत  संसार  के  सामने  आएगी  ,  यह  दैवी  विधान  है  , इसे  कोई  नहीं  रोक  सकता  l  

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