18 July 2023

WISDOM --------

   कांची  नरेश  की  राजकुमारी  प्रेत  बाधा  से  पीड़ित  हुई  l   भूत    सामान्य  नहीं ,  ब्रह्मराक्षस  था  l  तब  श्री  रामानुज  को  बुलाया  गया  l  उन्होंने  वहां  जाकर  पूछा ---- " आपको  यह  योनि  क्यों  मिली  l  "  रोकर  ब्रह्मराक्षस  बोला ---- " मैं  विद्वान्  था  , किन्तु  मैंने  अपनी  विद्या  छिपा  कर  रखी  l  किसी  को  भी  मैंने  विद्या  दान  नहीं  किया  ,  इससे  ब्रह्मराक्षस  हुआ  l  आप  समर्थ  हैं  , मुझे  इस  प्रेतत्व  से  मुक्ति  दिलाइये  l "  श्री  रामानुज  ने   राजकुमारी  के  मस्तक  पर  हाथ  रखकर  ,  जैसे  ही  भगवान  का  स्मरण  किया  ,  वैसे  ही  ब्रह्मराक्षस  ने  उसे  छोड़  दिया  ,  और  वह  प्रेत  योनि  से  मुक्त  हो  गया  l  उस  दिन  से  श्री  रामानुज  ने  प्रतिज्ञा  की  कि  वह  स्वाध्याय  का  लाभ  समाज  को  भी  देंगे  l       आज  संसार  में  इतनी  नकारात्मकता  है , युद्ध  , दंगे , तनाव  , छल कपट  , षड्यंत्र  , प्राकृतिक  आपदाएं  - नकारात्मक  शक्ति  प्रबल  है  l  दो   विश्व  युद्ध  हुए ,  बीते  युग  में  अनेक  छोटे , बड़े  युद्ध , विभाजन  की  त्रासदी   और  युद्ध  के  नाम  पर  निर्दोष  और  कमजोर  को  सताना , अकाल  मृत्यु  --- इन  सबके  कारण  कितनी  ही  अशांत   आत्माएं  हैं  , जो  मुक्त  नहीं  हो  पायीं  l  पं.  श्रीराम  शर्मा  आचार्य  जी  कहते  हैं  --- गायत्री  मन्त्र  से  प्रकृति  को  पोषण  मिलता  है  , प्रकृति  में  व्याप्त  नकारात्मकता  दूर  होती  है  l   इसलिए  व्यक्ति  चाहे  किसी  भी  धर्म  का  हो  उसे  गायत्री  मन्त्र  का  जप  अवश्य  करना  चाहिए  l   मनुष्य  तो  अपनी  महत्वाकांक्षा , ईर्ष्या , द्वेष  के  कारण  युद्ध  आदि  से  पर्यावरण  को  प्रदूषित  कर  रहा  है ,   लेकिन  गायत्री  मन्त्र  से  जब  प्रकृति  में  व्याप्त  नकारात्मकता  दूर  होगी   तब  संसार  में  भी  सुख -शांति  स्वत:  आ  जाएगी  l  

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