16 September 2023

WISDOM -----

   आज  संसार  में  अनेक  बीमारियाँ   हैं , उनके  उपचार  के  लिए  हर  तरह  की  चिकित्सा  उपलब्ध  है   l  लेकिन  इन  सब  बीमारियों  , दुर्घटनाओं  को  जन्म  देने  वाली  जो  सबसे  बड़ी  बीमारी  है   , वह  है  --तनाव  l   हमारी  रोजमर्रा  की  जो  जिन्दगी  है  उसमें  कहीं  कोई  कमी  है  जो  तनाव  को  जन्म  देती  है   l  पं . श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  लिखते  हैं --- रोजमर्रा  की  जिंदगी  में   यदि  सबसे  ज्यादा  किसी  की  उपेक्षा  होती  है  ,  तो  वह   है  --अंतरात्मा  --- यह  हम  सबके  जीवन  का  सार  है  l  औसत   आदमी   अपनी  इन्द्रिय  लालसाओं  को   तृप्त  करने ,  अपने  अहं  को  प्रतिष्ठित  करने  ,  ईर्ष्या , द्वेष ,  संदेह  आदि  कुभाव  के  कारण  अपनी  अंतरात्मा  की  आवाज  को  नहीं  सुनता  , अपनी  ही  अंतरात्मा  का  सम्मान  नहीं  करता  l  आचार्य श्री  कहते  हैं ---आम  इनसान  अपनी  जिंदगी  को  आधे -अधूरे  ढंग  से  जीता  है  , दुनिया  के  सामने  झूठी  नकली  जिंदगी  जीता  है  l  वह  भय  के  कारण  , समाज  के  डर  की  वजह  से  , समाज  में  अपने  अच्छे  होने  का  नाटक  करता  है  , परन्तु  समाज  की  ओट  में   चोरी  छिपे   अनेकों  बुरे  काम  कर  लेता  है  l  अपने  मन  में  बुरे  ख्यालों  व  ख्वाबों  में  रस  लेता  है  l  वह  इस  सत्य  को  अनदेखा  करता  है  कि   ईश्वर  सड़क , चौराहों  और  कमरे  की  बंद  दीवारों  के  भीतर  भी  है l  यहाँ  तक  कि  हमारे  अंतर्मन , हमारे  विचार , भावनाएं   सब  पर  ईश्वर  की  नजर  है  l  हमारे  मन  के  तार  ईश्वर  से  जुड़े  हैं  l  जो  इस  सत्य  को  जानते  -समझते   हैं   वे  सरलता  से  अपना  जीवन  जीते  हैं , उनका  जीवन  एक  खुली  किताब  होता  है  , जहाँ  तनाव   की  कोई  जगह  ही  नहीं  है  l  

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