4 September 2023

WISDOM -----

 द्वितीय  विश्व युद्ध  चल  रहा  था  l  महर्षि  अरविन्द  को  एहसास  हुआ  कि   आश्रम  के  कुछ  अंतेवासी  मन -ही -मन  हिटलर  की  विजय  की  दुआ  करने  लगे  हैं  l  आपस  की  चर्चाओं  में  भी  कभी -कभी   यह  बात  आ  ही  जाती  थी  l  श्री  अरविन्द  ने  तत्कालीन  कार्यकर्ताओं  की   शाम  की  एक  बैठक  में  कहा  कि  ---- " जो  लोग  ऐसा कर  रहे  हैं  , वे  असुरता  की  विजय  चाहते  हैं  l  भारतीय  मूल्य  हमें  ऐसा  नहीं  करने  देंगे  l  ऐसे  व्यक्ति  जो  हिटलर  की  विजय  की  इच्छा  रखते  हैं  ,  आश्रम  से  चले  जाएँ  l  प्रश्न  मूल्यों  का  है  l  हम  परमात्मा  की , आदर्शों  की  विजय  चाहते  हैं  l  "   आचार्य श्री  कहते  हैं  ---- यह  प्रसंग  हम  सबके  लिए  एक  सन्देश  है  l  हमें  मूल्य  आधारित  जीवन  जीना  है  l  श्रीकृष्ण  ने  अर्जुन  से  यही  कहा  था  कि  तू  मोहग्रस्त  होकर  भीष्म  और  द्रोणाचार्य  को  देख  तो  रहा  है  ,  उन्हें  न  मारने  की  दलीलें  भी  दे  रहा  है  ,  पर  तुझे  यह  नहीं  दिखाई  देता  कि  वे   दुर्योधन  के --अनीति  के  संरक्षक  भी  हैं  l   आज  जब  सारा  संसार  एक  मंच  पर  है  और  कुछ  लोगों  के   स्वार्थ ,  अहंकार  और  महत्वाकांक्षा   के  दुष्परिणाम  झेल  रहा  है   , ऐसे  में  श्री  अरविन्द  का  यह  प्रसंग  और  भगवान  श्रीकृष्ण  का  गीता  में  यह  संदेश  संसार  को  जागरूक  करने  के  लिए   है  l  

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