29 June 2018

WISDOM ------ मानसिकता का परिष्कार अनिवार्य है l

समाज  की , संसार  की   जो भी समस्या  हों ,   जब  तक  लोगों  की  मानसिकता  परिष्कृत  नहीं  होगी   ,  उनका  उचित  व   स्थायी  हल  संभव  नहीं  है   l  जब  तक  लोगों  के  मन  में  ईर्ष्या - द्वेष ,  छल - कपट  ,  लोभ - लालच  आदि   बुराइयाँ  हैं   ,  समस्याओं  का  हल  संभव  नहीं  है   l 
       एक  सधा  हुआ    ऊंट   था   l  नक्कारखाने  का  कोई  उत्सव  होता  तो   उसकी  पीठ  पर  नगाड़ा  लादकर  चोबदार  उसे  बजाता  हुआ  चलता  l  ऊँट  बहुत  बूढ़ा  हो  गया  तो   काम  का  न  रहा   इसलिए  उसे  खुला  छोड़  दिया  गया   l   राजा  का  होने  से  उसे  कोई  मारता  नहीं  था   l  ऊंट  एक  दिन  बुढ़िया  के  सूखते  हुए  अनाज  को  खाने  लगा   l         बुढ़िया  ने  सूप  बजाकर  भगाना  चाहा  l   ऊंट  ने  कहा --- " जन्म  भर  नगाड़ों  की  आवाज  सुनता  रहा  हूँ  ,  तुम्हारे  सूप  से  क्या  डरने  वाला  हूँ   l  " 
  जिस   पर  समाज  को  दिशा  देने  की  जिम्मेदारी  है ,  अपने  आचरण  से   समाज  को  शिक्षित  करना  है  ,  वे  भी   अपने  जीवन  भर  के  संस्कारों  से  ग्रसित  हैं   l 

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