30 June 2018

WISDOM -------- सकारात्मक कार्यों में व्यस्तता से ही समाज में सुख - शांति संभव है

कहते  हैं --- ' खाली  मन  शैतान  का  घर  l '   फिर  यदि  इस  शैतान  को  6 - 8  घंटे  परिश्रम  किये  बिना   पर्याप्त  धन  मिल  जाये  तो  वह  शैतानियत  पर  उतर  आता  है   l   बिना   मेहनत  का  धन   यदि  व्यक्ति  को  मिल  जाये  ,  जिसमे  विवेक  नहीं  है   तो  ऐसा  पैसा   उसमे  नशा , शराब , व्यभिचार   आदि  बुरी  आदतों  को   बढ़ाता    है   ,  इसमें  बाधा  आने  पर  व्यक्ति  अपराध  की  और  बढ़ने  लगता  है  l 
  जब  कभी   कोई  भी   व्यवस्था   अपनी  जनता  को  खुश  करने  के  लिए   विभिन्न  योजनाओं  के  अंतर्गत  बिना   परिश्रम  के  बड़ी - बड़ी  धनराशि  देती  है   तो  इससे  लोगों  में  आलस  की  प्रवृति  बढ़ती  है    और  यह  आलस  ही  तमाम  दुष्प्रवृतियों  की  जड़  है   l  
   जब  अमेरिका  में  महामंदी  का  दौर  था   उस  समय   अमेरिका  के  तत्कालीन  राष्ट्रपति  ने  इस  महामंदी  से  निपटने  के  लिए   महान  अर्थशास्त्री  प्रो,  कीन्स  से  परामर्श  किया  l  तब  प्रो. कीन्स   ने  कहा  था  कि  मंदी  के  इस  भयानक  दौर  में  जब  भीषण  बेरोजगारी  है ,  बाजार  में  निराशा  का   वातावरण  है   ऐसे  समय  में  सरकार  को  विभिन्न  सार्वजनिक  निर्माण  कार्यों  में  धन  खर्च  ( विनियोग ) करना  चाहिए   जिससे  लोगों  को  रोजगार  मिले ,  आय  प्राप्त  हो  ,  इससे  उपभोग  और  बचत  दोनों  बढ़ेंगे  और  मंदी  दूर  होगी  l
   प्रो, कीन्स  ने  एक  महत्वपूर्ण  सलाह  जो  दी  वो  यह  कि  यदि  सरकार  के  पास  कोई  उत्पादक  कार्य  न  हों    तो    दिन  भर  गड्ढे  खुदवाए  और  शाम  को  उन्हें  भरवा  दे   l   इसका  अर्थ  यही  है  कि   बिना  परिश्रम  के  कोई  पैसा  नहीं  दिया जाये   l  जब  दिन  भर   एक  निश्चित  समय   तक   परिश्रम  करें  तभी  उन्हें   वेतन , मजदूरी  मिले  तभी  उसका  सकारात्मक  दिशा  में  सदुपयोग  संभव  है   l  

1 comment:

  1. Crimes are increasing , because people have no productive work.

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