" नन्ही सी चिंगारी ! तुम भला मेरा क्या बिगाड़ सकती हो , देखती नहीं मेरा आकार ही तुमसे हजार गुना बड़ा है l अभी तुम्हारे ऊपर केवल गिर पडूं तो तुम्हारे अस्तित्व का पता भी न लगे l " तिनके का ढेर अहंकार पूर्वक बोला l
चिनगारी बोली कुछ नहीं , चुपचाप ढेर के समीप जा पहुंची l तिनके उसकी आंच में भस्म होने लगे l अग्नि की शक्ति ज्यों - ज्यों बढ़ी , तिनके जलकर नष्ट होते गए , देखते - देखते भीषण रूप से आग लग गई और सारा ढेर राख में परिवर्तित हो गया l
यह द्रश्य देख रहे आचार्य ने अपने शिष्यों को बताया ---- " बालकों ! जैसे आग की एक चिनगारी ने अपनी प्रखर शक्ति से तिनकों का ढेर खाक कर दिया l वैसे ही तेजस्वी और क्रियाशील एक व्यक्ति ही सैकड़ों बुरे लोगों से संघर्ष में विजयी हो जाता है l "
चिनगारी बोली कुछ नहीं , चुपचाप ढेर के समीप जा पहुंची l तिनके उसकी आंच में भस्म होने लगे l अग्नि की शक्ति ज्यों - ज्यों बढ़ी , तिनके जलकर नष्ट होते गए , देखते - देखते भीषण रूप से आग लग गई और सारा ढेर राख में परिवर्तित हो गया l
यह द्रश्य देख रहे आचार्य ने अपने शिष्यों को बताया ---- " बालकों ! जैसे आग की एक चिनगारी ने अपनी प्रखर शक्ति से तिनकों का ढेर खाक कर दिया l वैसे ही तेजस्वी और क्रियाशील एक व्यक्ति ही सैकड़ों बुरे लोगों से संघर्ष में विजयी हो जाता है l "
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