28 February 2019

WISDOM ----- जो खुशियों की खोज अन्तस् में करता है , उसे फिर इन्हें कहीं अन्यत्र नहीं खोजना पड़ता l

   आज  मनुष्य  खुशियों  कीं   तलाश  में  सारी  उम्र    बाहर  भटकता  रहता  है  लेकिन  उसे  कहीं  शांति  नहीं  मिलती l  खुशियों  का  यह  खजाना ,  मन  की  शांति  उसके  अन्तस्  में  ही  है  l  बस  !  उसे  पाने  के  लिए   सदाचार , सत्कर्म  और  सकारात्मक  सोच  की जरुरत  है   l  
  एक  कथा  है  ----  एक  भिखारी  था  ,  वह  जिन्दगी  भर  एक  ही  जगह  बैठकर  भीख  मांगता  रहा   l  उसकी  इच्छा थी  कि  वह  भी  धनवान  बने  ,  इसलिए  वह   दिन  में  ही  नहीं  ,  रात में  भी  भीख  माँगा  करता  था  l  जो  कुछ उसे  भीख  में  मिलता  उसे खरच करने  के  बजाय  जोड़ता  ही  रहता   l  अपनी   ख्वाहिश   को  पूरा  करने  के  लिए  उसने   दिन - रात  भरपूर कोशिश  की  ,  लेकिन  वह  कभी  भी  धनवान  न  हो  सका  l  वह  भिखारी  की  तरह  जिया  और  भिखारी  की  तरह  मरा  l 
 जब  वह  मरा  तो  कफन  के  लायक  भी    पूरे   पैसे  उसके  पास  नहीं  थे   l  आसपास  ले  लोगों  ने  उसका   झोंपड़ा  तोड़  दिया  ,  फिर  सबने  मिलकर  वहां  की  जमीन  साफ  की  l  सफाई  करने  वाले   इन  सभी  को   तब  भारी  आश्चर्य  हुआ  ,  जब  उन्हें  उस  जगह  पर   बड़ा  भारी  खजाना  गड़ा  हुआ  मिला  l  यह  ठीक  वही  जगह  थी  ,  जिस  जगह  पर  बैठकर    वह  भिखारी   जिन्दगी  भर  भीख  माँगा  करता  था  l  जहाँ  पर  वह  बैठता  था  ,  उसके  ठीक  नीचे  यह   भारी   खजाना  गड़ा  हुआ  था  l 
  आज  मनुष्य  की  हालत  कुछ  ऐसी  ही  है  l  वह  बाहरी  चीजों  में  ही  खुशियों  को  तलाशता  रहता  है ,  किन्तु  पाता  कुछ  भी  नहीं  है   l  

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