6 April 2020

WISDOM ---- जीवन जीना एक कला है

   एक  व्यापारी  रेगिस्तान  के  रास्ते  व्यापार   कर  के  लौट  रहा  था  l   उसने  अपनी  झोली  में  कई  कीमती  हीरे - जवाहरात  आदि  भर  रखे  थे   l  उसके  मित्रों  ने  उसे  समझाया  कि   कुछ  जवाहरात  छोड़  दे   और  उनके  बदले  पानी  की  चिश्तियां  बाँध  ले  ,  परन्तु  उसने  उनकी  राय  नहीं  मानी   और  अपनी  यात्रा  जारी  रखी  l   रास्ते  में  उसकी  भोजन  सामग्री   व  पानी  समाप्त  होने  पर   जब  वह  निढाल  हो  गया  ,  तब  उसे  एहसास  हुआ  कि   हीरे - जवाहरातों  से  पेट  नहीं  भरा  जा  सकता  l
 मनुष्य  इसी  प्रकार  निरर्थक  साधनों  के  पीछे  भागने  में  अपना  जीवन  बरबाद  कर  देता  है  l   तृष्णा  कभी  समाप्त  नहीं  होती   l  संतुलन  जरुरी  है  l 

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