27 July 2022

WISDOM -----

     अनमोल  मोती  -----  खडाऊं  पहन  कर  पंडित जी  मंदिर  की  ओर  चले  l   कदम  बढ़ने  के  साथ  खडाऊं   से  भी  खट -खट   का  स्वर  निकल  रहा  था   l  पंडित जी  को  यह  आवाज  पसंद  न  आई   l  वह  एक  स्थान  पर  खड़े  होकर  खडाऊं  से  पूछने  लगे  ---- "  अच्छा  यह  तो  बताओ   कि   पैरों  के  नीचे   इतनी  दबी  रहने  पर  भी   तुम्हारे  स्वर  में  कोई  अंतर  क्यों  नहीं  आया   ? "  खडाऊं  ने  पैरों  के  नीचे  दबे -दबे  ही  पंडित जी  की  जिज्ञासा  शांत  करते  हुए  कहा  ----- " मैं  तो  जीने  की  इच्छुक  हूँ   l  पंडित जी   !  इस  संसार  में  ऐसे  लोगों  की  कमी  नहीं   जो  दूसरों  के  दबाव  में  आकर    अपना  स्वर  मंद  कर  लेते  हैं  ,  उन्हें  तो  जीवित  अवस्था  में  भी    मैं  मरा  हुआ  मानती  हूँ   l  "

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