26 July 2022

WISDOM - -----

   लघु कथा ---- एक  गुरु  के  दो  शिष्य  थे   l  दोनों  श्रम  करते  थे  l  दोनों  भजन -पूजन  भी  करते  थे   और  सफाई  और  स्वच्छता   पर  भी  दोनों  की  आस्था  थी  ,  किन्तु  एक  बड़ा  सुखी  था  और  दूसरा   बड़ा  दुःखी   था  l   गुरु  की  मृत्यु  पहले  हुई  है  ,  उसके  थोड़े  समय    बाद    उन  दोनों  की  भी  मृत्यु  हो  गई   l  दैवयोग  से  तीनो  स्वर्ग  में  भी   एक  स्थान  पर  जा  मिले   l  वहां  भी  स्थिति  पहले  जैसी  ही  थी   l  जो    पृथ्वी   पर    सुखी  था ,   वह    स्वर्ग  में  भी   प्रसन्नता  अनुभव  कर  रहा  था    और  दूसरा  व्यक्ति   जो    पृथ्वी     पर     कलह -क्श   के  कारण  अशांत  रहता  था  ,  वह  स्वर्ग  में  भी   अशांत  था   l  दुःखी   शिष्य  ने  गुरु  के  समीप  जाकर  कहा --- 'भगवन  !  लोग  कहते  हैं  ईश्वर  भक्ति  से   स्वर्ग  में  सुख  मिलता  है  ,  पर  हम  तो  यहाँ  भी  दुःखी - के -दुःखी    रहे  "  l   गुरु  ने  गंभीर  होकर  उत्तर  दिया ---- " वत्स  !   ईश्वर भक्ति  से  स्वर्ग  तो  मिल  सकता  है  ,  पर  सुख  और  दुःख  मन  की  देन  हैं   l  मन  शुद्ध  है  तो  नरक  में  भी    सुख  है   और  मन  शुद्ध  नहीं  तो   स्वर्ग  में  भी  कोई  सुख  नहीं  है   l  '

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