31 July 2022

WISDOM ------

     अनमोल  मोती -----  जब  बाबर  ने  अमीनाबाद  को   जीतकर  अपने  राज्य  में  मिला  लिया    तो  गुरु  नानक  और  उनके  शिष्य  मरदाना  को  भी  जेल  की  हवा  खानी  पड़ी   l  बाबर  को  जब  गुरु  नानक  की  आध्यात्मिक  शक्तियों  के  बारे  में  पता  चला  तो  वह   जेल  में  उनसे  मिलने  आया   l  नानक  ने  बादशाह  को  देखकर  कहा ---  " मनुष्य  का  धर्म  तो  लोगों  की  सेवा  करना  है   और  आप  अपने  राज्य  की  प्रजा  पर  शासन  कर  रहे  हैं   l  "  थोड़े  ही  शब्दों  में    बाबर  नानक  की  बात  समझ  गए   और  अपनी  भूल  स्वीकार  करते  हुए  कहा  --- " बाबा  !  यदि  आप  कुछ  मांगना  चाहते  हैं  तो  मांग  लीजिए   l  "  गुरु  नानक  ने  कहा ---- "  राजा  से  तो  मुर्ख  मनुष्य  ही  मांगते  हैं   l  मुझे  यदि  किसी  वस्तु  की  आवश्यकता  होगी  तो   ईश्वर  से  मांगूंगा   l    देने  वाला  तो  दाता  ईश्वर  है    जो    राजाओं  तक  को  देता  है   l  "  इतना  सुनकर  बाबर  ने  कहा  ---- " तो  आप  ही  मुझे  कुछ  प्रदान  कीजिए  l  "   तब  नानक  ने  एक  उपदेश  दिया ---- "  बाबर  !  इस  संसार  में  किसी  भी  वस्तु  का  स्थायित्व  नहीं  है   l  ध्यान  रखो  !  आपका  शासन  या  आपके  पुत्रों  का  शासन  भी  तब  तक  चलेगा   जब  तक  उसका  आधार  प्रेम  और  न्याय  बना  रहेगा   l   पर  धर्म  का  स्थायित्व  तो   हर  क्षण  और  हर  घड़ी  है  ,  इसलिए  तू  जीवन  में  धार्मिकता  का  समावेश  कर   l  "  इस  उपदेश  से  बाबर  के  जीवन  की  दिशा  ही  बदल  गई   l  

No comments:

Post a Comment