13 March 2023

WISDOM -----

   अहंकार  सारी  अच्छाइयों  के  द्वार  बंद  कर  देता  है  l  अहंकार  से  ही  काम , क्रोध , लोभ  जैसे  विकार  उत्पन्न  होते  हैं  l  अहंकारी  व्यक्ति  संवेदनहीन  और  निष्ठुर  होता  है  l  संसार  में   जितने  भी  युद्ध  हुए  , बड़े  पैमाने  पर  हत्याएं ,  मारकाट  हुईं   , अत्याचार , अन्याय  किसी  न  किसी  के  अहंकार  का  ही  परिणाम  है  l  अहंकारी  स्वयं  को  सर्वश्रेष्ठ  समझता  है  ,  किसी  दूसरे  की  तरक्की  उसे  बर्दाश्त  नहीं  होती  l  ------ एक  राजा  था  l  उसे  यह  अहंकार  हो  गया   कि  वह  ही  जगत  का   पालक  है  l  शास्त्रकारों   ने  व्यर्थ  ही  भगवान  विष्णु  को   जगत  का  पालन  करने  वाला  कहा  है  l  उस  राजा  को  इस  बात  का  अभिमान  था  कि  वही  सब  का  पेट  भर  रहा  है  ,  यदि  वो  सब  पर  कृपा  न  करे  तो  लोग  भूखे  मर  जाएँ  l  l  एक  संन्यासी  को  इस  बात  का  पता  चला  तो  वे  उस  राज्य  में  गए   l  राजा  उनको  भी  अपने  वैभव  के  बारे  में  बताने  लगा  और  बोला  --मैं  ही  सब  का  पालक  हूँ  l   संत  ने  पूछा  --- तेरे  राज्य  में  कितने  कुत्ते , कौए ,  कीड़े -मकोड़े  हैं   ?  राजा  चुप  हो  गया   l  संत  ने  कहा ---- जब  तू  यह  नहीं  जानता  तो  उनको  भोजन  कैसे  भेजता  होगा  ?  राजा  ने  लज्जित  होकर  कहा  --- तो  क्या  भगवान  कीड़े -मकोड़ों  को  भी  भोजन  देते  हैं  ?  यदि  ऐसा  है  तो  मैं  एक  कीड़े  को  डिबिया  में   बंद  कर  के  देखता  हूँ  l  कल  देखूंगा  कि  भगवान  इसे  कैसे  भोजन  देते  हैं   l  दूसरे  दिन  राजा  ने  संत  के  सामने  डिबिया  खोली  ,  तो  वह  कीड़ा   चावल  का  एक  दाना  बड़े  प्रेम  से  खा  रहा  था  l  यह  चावल   डिबिया  बंद  करते  समय  राजा  के  मस्तक  से  गिर  पड़ा  था  l  अब  उस  अहंकारी  ने  माना  कि  भगवान  ही  सबका  पालक  है  ,  हम  तो  सिर्फ  माध्यम  हैं  l  

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