9 August 2023

WISDOM ----

   एक  दरिद्र  मनुष्य  सुन्दर  राजकन्या  पर  मुग्ध  हो  गया   और  उसे  पाने  के  लिए  पुरुषार्थ  करने  लगा  l  असंभव  लक्ष्य , किन्तु  संकाल्प  दृढ  l  अंत  में  सोचा  साधु  होकर  तपस्या  करूँगा  , उससे  जो  आत्मबल  अर्जित  होगा  , उससे  राजकन्य  प्राप्त  हो  जाएगी  l  इस  प्रकार  संसार  त्यागकर  उग्र  तपस्या  करने  लगा  l  सारे  राज्य  में  उसकी  ख्याति  बढी  l  धनी , दरिद्र  सभी  उसके   दर्शनों  के  लिए  आने  लगे  l  एक  दिन  वह  राजकन्य  स्वयं  उस  तपस्वी  के  दर्शन  के  लिए  आई  l  उसे  अपने  सामने  देखकर  तपस्वी  के  ह्रदय  के  चक्षु  खुल  गए  l  उसने  सोचा  , जिस  प्रभु  के  प्रति  श्रद्धावश  यह  मेरे  दर्शनार्थ   आई  है  , उस  प्रभु  को  मैं  छोड़  दूँ  , तो  मेरी  क्या  गति  होगी  ?  तपस्वी  ने  वास्तविकता  को  समझा   और  अपनी  शक्ति  को  शाश्वत  सौन्दर्य  परमात्मशक्ति   को  पाने  हेतु  नियोजित  कर  दिया  l 

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