27 September 2024

WISDOM ------

  स्वार्थ , लालच , अहंकार , तृष्णा , कामना , वासना  , लोभ  , ईर्ष्या , द्वेष  , महत्वाकांक्षा  --- ये  बुराइयाँ  थोड़ी - बहुत  तो  सभी  में  होती   हैं  l  अल्प  मात्र  में  इनका  होना  नुकसानदेह  नहीं  होता  ,  इनकी  वजह  से  ही  व्यक्ति  तरक्की  की  राह  पर  आगे  बढ़ता  है   l    यही  बुराइयाँ  जब  किसी   व्यक्ति    में  अति  की  हो   जाती  हैं   तो  उससे  उसका  नुकसान  तो  बहुत  बाद  में  होता  है  ,  ऐसे  दुर्गुणों  से  ग्रस्त  व्यक्ति  अपना  संगठन  बना  लेते  हैं   l  बुराई  में  तुरत  लाभ  के  कारण  इस  क्षेत्र  में  आकर्षण  तीव्र  होता  है   और  ऐसे  लोग  बहुत  जल्दी  एक  बड़ा  संगठन  बनाकर   समाज  में  धोखा , छल , कपट , षड्यंत्र  जैसे  छुपे  हुए  अपराधों  का  हिस्सा  बन  जाते  हैं   l  इन  दुर्गुणों  की  अति   से  व्यक्ति  की  संवेदना  समाप्त  हो   जाती  है  ,  वह  केवल  अपना  स्वार्थ  देखता  है  l  इस  स्वार्थ  पर  किसी  की  भी  जिन्दगी  पर  खतरा  आ  जाए  उन्हें  कोई  फर्क  नहीं  पड़ता  l   भ्रष्टाचार , बड़े -बड़े  घोटाले ,  जघन्य  अपराध , परिवार  में  होने  वाली  हत्याएं , मुकदमे   आदि  इन  दुर्गुणों  की  अति  के  ही  दुष्परिणाम  है   l  सन्मार्ग  पर  चलने  वालों  की  संख्या  बहुत  कम  है , आसुरी  तत्व  उन्हें  चैन  से  जीने  नहीं  देते  l  वे  हमेशा  भयभीत  रहते  हैं  कि  प्रकाश  होगा  तो  अंधकार  का  अस्तित्व  ही  समाप्त  हो  जायेगा   l  आसुरी  प्रवृत्ति  के  लोगों  की  संख्या  बहुत  अधिक  होने  से   सबसे  बड़ी  समस्या  यह  होती  है  कि  कौन  किसे  दंड  दे ,  किसकी  शिकायत  करे  ?  सब  एक  नाव  में  सवार  हैं  l  ऐसे  में  कोई  ईश्वरीय  चमत्कार  ही  परिवर्तन  ला  सकता  है  l  

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