मनुष्य के लिए सबसे कठिन कार्य है ---अपने मन पर नियंत्रण करना l यह मन हमारे शरीर में कहाँ है , कैसा है , उसकी बनावट क्या है कोई नहीं जानता , लेकिन यह बड़ी तेजी से बेलगाम घोड़े की तरह भागता है और मनुष्यों में तनाव का सबसे बड़ा कारण यह मन ही है l यदि मन पर नियंत्रण हो जाये तो जीवन की अधिकांश समस्याएं स्वत: ही हल हो जाएँ l ------- जापान का एक युवा तीरंदाज स्वयं को दुनिया का सबसे बड़ा तीरंदाज समझता था l वह जहाँ भी जाता , लोगों को मुकाबले की चुनौती देता और उस मुकाबले में उन्हें हराकर उनका खूब मजाक उड़ाता l एक बार उसने झेन गुरु बोकोशु को चुनौती दी l गुरु ने चुनौती स्वीकार कर ली l युवक ने प्रतिस्पर्धा प्रारम्भ होते ही लक्ष्य के बीचोबीच निशाना लगाया और पहले ही तीर में उस लक्ष्य को बेध दिया l वह झेन गुरु से दंभ पूर्वक बोला ------ " क्या आप इससे बेहतर कर सकते हैं ? " झेन गुरु मुस्कराए और उसे लेकर ऐसे स्थान पर गए , जहाँ दो पहाड़ियों को जोड़ने के लिए लकड़ी का कामचलाऊ पुल बना था l उस पर कदम रखते ही वह पुल चरमराने लगा l बोकोशु ने उसे पुल पर अपने पीछे आने को कहा l बोकोशु ने पुल के बीच में पहुंचकर सामने दूर खड़े एक पेड़ के तने पर निशाना लगाया l इसके बाद उन्होंने उस युवक से निशाना लगाने को कहा , परन्तु कई बार के प्रयास के बाद भी वह निशाना न लगा सका l उसे निराशा में डूबा देख झेन गुरु ने कहा --- " वत्स ! तुमने निशाना लगाना तो सीख लिया , पर मन पर नियंत्रण करना नहीं सीखा , जो किसी भी परिस्थिति में शांत रहकर निशाना साध सके l " युवक को बात समझ में आ गई l उसने अब अहंकार छोड़कर मन को साधने का प्रयास आरम्भ किया l उसे यह बात समझ में आ गई कि अहंकार सारी बुराइयों की जड़ है , अहंकार के आते ही अन्य बुराइयाँ अपने आप खिंची चली आती है l इसलिए यदि जीवन में स्थायी सफलता प्राप्त करनी है तो अहंकार को त्यागना होगा l
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