2 December 2025

WISDOM ----

 वैष्णव  सम्प्रदाय  के  आचार्य  संत  रामानुज  को  गुरु  मन्त्र  देते  हुए  उनके  गुरु  ने  सावधान किया  कि  --'मन्त्र  को  गोपनीय  रखना  l  संत  रामानुज   मन्त्र जप  के  साथ  ही  यह  विचार  करने लगे  --यह  अमोघ  मन्त्र   मृत्युलोक  की   संजीवनी  है  , यह  जन -जन  की  मुक्ति  का  साधन  बन  सकता  है  , तो  गुप्त  क्यों  रहे  ?   उन्होंने  गुरु  की  अवज्ञा  कर  के  वह  मन्त्र  सभी  को  बता  दिया   l  एक  स्थान  पर  गुरु  ने  अपने  शिष्य  को  सामूहिक  पाठ  करते  हुए  सुना   तो  वे  क्रुद्ध  हो  गए  और  बोले  ---"  रामानुज ,  तूने  गोपनीय  मन्त्र  को  प्रकट  कर  पाप  अर्जित  किया  है  l  तो  नरकगामी  होगा  l "  रामानुज  ने  गुरु  के  चरण  पकड़  लिए   और  पूछा  --- " देव  !  मैंने  जिन्हें मन्त्र  बताया  , क्या  वे  भी  नरकगामी  होंगे  ? "   गुरु ने  कहा  ---- " नहीं  ये  तो  मृत्युलोक  के  आवागमन  से  मुक्त  हो  जाएंगे  l  उन्हें  तो  पुण्य  लाभ  ही  होगा  l "  रामानुज  के  मुख -मंडल  पर  संतोष  की  आभा  चमक  उठी   "  यदि  इतने  लोग   मन्त्र  के  प्रभाव  से  मोक्ष  प्राप्त  करेंगे  

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