भारतवर्ष के महामहिम राष्ट्रपति ए. पी. जे. कलाम के जीवन का एक प्रसंग है ---- एक बार एक बच्चे ने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने महाभारत पढ़ी है ? जब उन्होंने इसका जवाब ' हाँ ' में दिया तो बच्चे ने उनसे अगला प्रश्न किया कि इसमें से कौन सा चरित्र उन्हें सबसे ज्यादा प्रिय है l
इस महाकाव्य के मर्म को जानने वाले राष्ट्रपति महोदय ने उस बच्चे को बताया कि वे महात्मा विदुर के चरित्र से बहुत प्रभावित हुए l बच्चे ने उनसे फिर पूछा -- ' क्यों ? '
उत्तर में उन्होंने कहा --- " क्योंकि महात्मा विदुर ने सत्ता की गलत हरकतों के खिलाफ आवाज उठाई और जिन्होंने अधर्म की ज्यादतियों के विरुद्ध उस स्थिति में भी मोरचा खोलने का साहस किया जब पितामह भीष्म , आचार्य द्रोण , महावीर कर्ण आदि सब वीरों ने हथियार डाल दिए थे l "
महामहिम राष्ट्रपति के इस उत्तर में उनका निज का स्वप्न भी शामिल था , जो कल्पनाशील मन और साहसी विवेक से उपजा था l महात्मा विदुर की ही भांति स्वयं के चरित्र का निर्माण l
इस महाकाव्य के मर्म को जानने वाले राष्ट्रपति महोदय ने उस बच्चे को बताया कि वे महात्मा विदुर के चरित्र से बहुत प्रभावित हुए l बच्चे ने उनसे फिर पूछा -- ' क्यों ? '
उत्तर में उन्होंने कहा --- " क्योंकि महात्मा विदुर ने सत्ता की गलत हरकतों के खिलाफ आवाज उठाई और जिन्होंने अधर्म की ज्यादतियों के विरुद्ध उस स्थिति में भी मोरचा खोलने का साहस किया जब पितामह भीष्म , आचार्य द्रोण , महावीर कर्ण आदि सब वीरों ने हथियार डाल दिए थे l "
महामहिम राष्ट्रपति के इस उत्तर में उनका निज का स्वप्न भी शामिल था , जो कल्पनाशील मन और साहसी विवेक से उपजा था l महात्मा विदुर की ही भांति स्वयं के चरित्र का निर्माण l