31 December 2023

WISDOM ------

  लघु -कथा ---- एक  युवक  ने  स्वप्न  देखा  कि  वह  किसी  बड़े  राज्य  का  राजा  हो  गया  l  स्वप्न  में  मिली  इस  आकस्मिक  विभूति  के  कारण  उसकी  प्रसन्नता  का  ठिकाना  न  रहा  l  प्रात:काल  पिता  ने  काम  पर  चलने  को  कहा  , माँ  ने  बाजार  से  सौदा  लाने  के  लिए  कहा  , लेकिन  युवक  ने  कोई  भी  काम  करने  से मना  कर  दिया   और  कहा --- " मैं  राजा  हूँ  ,  मैं  कोई  काम  कैसे  कर  सकता  हूँ  ? " घरवाले  बड़े  हैरान  थे  ,  आखिर  क्या  किया  जाये  l  तब  उसकी  बहन  ने  एक  युक्ति  निकाली  l  उसने  परिवार  के  सभी  सदस्यों  को  एक -एक  कर  के  भोजन  करा  दिया  , केवल  वे  ख्याली  युवक  महाराज  बैठे  रह  गए  l  शाम  हो  गई  , भूख  से  उसकी  आंते  कुलबुलाने  लगीं  , जब  नहीं  रहा  गया   तो  बहन  से  बोला  ---- " क्यों  मुझे  खाना  नहीं  मिलेगा  क्या  ? "  बहन  मुंह  बनाते  हुए  बोली --- " राजाधिराज  ! रात  आने  दीजिए  , परियां  आकाश  से  उतरेंगी   तो  वही  आपके  उपयुक्त   छत्तीस  व्यंजन  प्रस्तुत  करेंगी  l  हमारा  रुखा - सूखा   भोजन  आपके  राजपद  के   उपयुक्त  नहीं  है  l "  युवक  बोला  --- " नहीं  , मैं  यही  भोजन  कर  लूँगा  l  तुम  यही  भोजन  मेरे  लिए  ले  आओ  l  "  बहन  बोली  --- "  हे  महाराज  !  कहीं  यह  भोजन  कर  आप  क्रोधित  न  हों  उठे   और  यदि  आप  क्रोधित  हो  उठे   तो  खाना  बनाने  वालों  की  खैर  नहीं ,   आप   उन्हें  जेल  में  भर  देंगे  l  इसलिए  अब  आप  स्वप्न  में  ही  भोजन   कीजिए  l "     व्यर्थ  की  कल्पनाओं  में  विचरण  करने  वाले  युवक  ने  अपनी  हार  मानी  और  महसूस   किया  कि  धरती  पर  रहने  वाले  मनुष्य  को   निरर्थक  भौतिक  और  लौकिक  कल्पनाओं  में   डूबे  नहीं  रहना  चाहिए  ,  वरन  जीवन  का  जो  शाश्वत  और  सनातन  सत्य  है  ,  उसे  प्राप्त  करने  का  भी  प्रयत्न  करना  चाहिए  l  उसने  घरवालों  को  वचन  दिया  कि  अब  वह   व्यर्थ  की  कल्पनाओं  में  अपना  समय  बरबाद  नहीं  करेगा   और  अपनी  परिस्थिति  को  स्वीकार  कर  श्रम  और  लगन  से  आगे  बढ़ने  का  निरंतर  प्रयास  करेगा  l