28 June 2020

WISDOM ------

   '  जो  ईश्वर  से  भय  खाता   है  उसे  दूसरा  भय  नहीं  सताता  है  l '
 ' भय ' का  यदि  विश्लेषण  करे   तो  उसका  एक  रूप  यह  है  कि   विभिन्न  कारणों  से  व्यक्ति  भयभीत  हो  जाता  है   जैसे  --- बच्चों  के  अनेक  खेल - खिलौने   ऐसे  होते  हैं  ,  जिनसे  वे  बहुत   डर   जाते  हैं ,  उनका  मन  बचपन  से  ही  बहुत  कमजोर  हो  जाता  है  l
जब  बड़े   हो  जाते  हैं   तो  डर   के  भिन्न  कारण  होते  हैं  जैसे  कोई   ऊंचाई  से  डरता  है ,  कोई  नदी , समुद्र  के  पास  जाने  से , डूबने  से  डरता  है ,  कोई भूत  - प्रेत  से  डरता  है  ,  कोई  डरावने  दृश्य  देखकर  डरता  है  l   इस  प्रकार  के  डर   जीवन  में  बने  रहते  हैं ,  उनसे   व्यक्ति  के   रोजगार ,  सामाजिक  जीवन  और  समाज  पर  कोई  प्रभाव  नहीं  पड़ता  ,  यह  व्यक्ति  की  निजी  कमजोरी  है  l
 ' भय ' का  सबसे  घृणित  पहलू   है  --- अपने  स्वार्थ  के  लिए   दूसरे  पर  छाये  रहने  की   भावना  से   अपने  अधीनस्थ  लोगों  का  शोषण  करना  ,  उनको  अपनी  इच्छानुसार  चलने  को  विवश  करना  l   इस  प्रकार  के  भय  का  क्षेत्र  जितना  व्यापक  होगा  ,  वह  उतना  ही  समाज  व  राष्ट्र  को  पतन  की  ओर   ले  जायेगा  l   इस  प्रकार  का  भय  व्यक्ति  का  गुण   नहीं  है ,  इसे  जबरन  पैदा  किया  जाता  है   जैसे  कोई  शक्तिशाली  है   उसके  विरुद्ध  एक  शब्द  भी  बोले    तो  जेल  हो  जाएगी ,  नौकरी  से  हटा  दिया  जायेगा  l   किसी  को  मरवा  देने  की  घटनाएं  इसी  भय  का    दुष्परिणाम  है  l   अपने  से  शक्तिशाली  की   बात  नहीं  मानी , अवहेलना  की  तो   खामियाजा  भुगतना  पड़ेगा  l
इस  प्रकार  के ' भय '  के  कारण   लोग  अपनी  रोटी - रोजी  और  अपने  परिवार  को  प्राथमिकता  देते  हुए   चुप  रहते  हैं  ,  सच्चाई  का  समर्थन  नहीं  करते ,  अत्याचार - अन्याय  को  देखकर  भी  अनदेखा  करते  हैं  l   इससे  योग्य  और   सच्चे  लोग  उपेक्षित  हो  जाते  हैं   और  समाज  व  राष्ट्र  का  पतन  होने  लगता  है  l
  पहले  छोटी - छोटी  रियासतें  थीं   तो  भय  का  क्षेत्र  भी  सीमित   था    लेकिन  वैश्वीकरण  के  इस  युग  में  ' भय '  भी   अंतर्राष्ट्रीय    हो  गया  है  ,        अपने  स्वार्थ  के  लिए   धन  और  शक्ति  संपन्न   लोग   भय  का  जाल  बिछा  देते   हैं  l   ऐसी  समस्या  से  निपटने  के  लिए  विवेक जरुरी  है  ,  ईश्वर विश्वास  से  हमें  शक्ति  मिलती  है  l