22 November 2018

WISDOM ---- उपदेश के साथ सेवा अनिवार्य रूप से जुड़ी हो तभी वह सच्ची लोकसेवा है

    भगवन  बुद्ध  ने   कहा  है ---- " प्रवचन - उपदेश  के  साथ  सेवा  अनिवार्य  रूप  से  जुड़ी  होनी  चाहिए  क्योंकि   सेवा  में  मिलने  वाले  कष्टों  से  ,  अपमानजनक  पीड़ाओं  से  व्यक्ति  का  जीवन  परिशोधित  होता  है  ,  इससे  अहंकार  का  विनाश  होता  है   और  सेवा  से  ही  संवेदना  विकसित  होती  है   l  "
  पं . श्रीराम शर्मा  आचार्य जी  ने  भी   अपने  परिजनों  को  यही  समझाया  कि   ---"  भविष्य  में  कोरे  प्रवचन  काम न  देंगे ,  सच्ची  लोकसेवा  को  ही  प्रतिष्ठा  मिलेगी   l  जो  आज  केवल  धार्मिक  आडम्बरों  में   रत  हैं  ,  कल  का  भविष्य  उन्हें  अस्वीकृत   व  तिरस्कृत  कर  देगा   l  बदलते  हुए  समय  में  युग  की  यही  मांग  है  कि  परिजनों  को  आसपास  के  क्षेत्रों  में  सेवा  कार्यों  में  जुट  जाना  चाहिए  l  सेवा  से  ही  संवेदना  विकसित  होती  है  और  आज  की  सभी  समस्याओं  का  एकमात्र  हल --- संवेदना    है  l