3 December 2019

WISDOM ----- संवेदना ही हमारी संस्कृति है

      भारतीय  संस्कृति  सनातन  और  शाश्वत  है   और  इस  संस्कृति  का  संबंध   संवेदना  से  है   l  भारत   पर  हजारों  वर्षों  से  बर्बर  एवं   भीषण  आक्रमण  होते  रहे  हैं  ,  तमाम  बर्बर  जातियों  ने  भारतीय  संस्कृति  को   मिटाकर  अपने  में  मिलाने  का  अथक  प्रयास  किया  l   अपना  देश  - हजारों  वर्षों  से  एक  के  बाद  एक  विदेशी  सत्ताओं  की  गुलामी  में  भी  रहा   परन्तु  इन  सब  के  बावजूद  भारतीय  संस्कृति   न  केवल  अक्षुण्ण  रही  ,  वरन  नित - निरंतर    प्रगति  के  नए  सोपानों  को  प्राप्त  करती  रही  l
  लेकिन  अब  इस  संस्कृति  के   मूल  तत्व  ' संवेदना '  को  ही  मिटाने   के   प्रयास  किये  जा  रहे  हैं  l  नशा ,  मांसाहार ,  अश्लील  साहित्य ,  आपराधिक  और  अश्लील  फ़िल्में --- ये  सब   हृदय  की  संवेदना  को  सोखकर   व्यक्ति  को  मनुष्य  से  पिशाच  बना  देते  हैं   l   गुलामी  के  काल  को ,  विदेशी   आक्रमणकारियों  को  वर्तमान  में  दोष  देना  व्यर्थ  है  ,  आज  नारी  जाति   पर  अत्याचार  देश  के  ही  लोग  कर  रहे  हैं  l  अत्याचार  और  अन्याय   होते  देख  मौन  रहना  ,  मूक  सहमति  है   l
  नारी  जाति   पर  ये   अमानुषिक  अत्याचार   इस  काल  में  संस्कृति  को  कलंकित  करने  वाली  अमानुषिक  घटनाएं  हैं   l   समाज  के  जिम्मेदार  नागरिकों  का  यह  कर्तव्य  है   कि   अपनी  कमजोरियों  से  ऊपर  उठकर  भारतीय  संस्कृति  को  अक्षुण्ण  रखें   l