15 April 2020

WISDOM -----

 पं. श्रीराम  शर्मा  आचार्य जी  ने  लिखा  है ----- ' बढ़ती  हुई  भौतिक  और  वैज्ञानिक  प्रगति  के  साथ  यदि  मानवता    और  अध्यात्मवादिता  को  नहीं  अपनाया  गया  तो  ये  दुनिया    किसी  भी  दिन  विनष्ट  हो  सकती  है  l '
 बट्रेंड   रसेल  ने  कहा  है  ----' मानव  जाति   अब  तक  जीवित  रह  सकी    तो  अपने  अज्ञान  और   अक्षमता  के  कारण  ही  l   परन्तु  अगर  ज्ञान  और   क्षमता    मूर्खता  के  साथ   युक्त  हो  जाये   तो  उसके   बचे  रहने  की  कोई  संभावना  नहीं  है   l  '
  आधुनिक  विज्ञान   ने  हमारे  जीवन  को  सुख - सुविधा  और  विलासिता  की  चीजों  से  भर  दिया   और  हम  उन  चीजों  के  अभ्यस्त  हो  गए  लेकिन  इस  भौतिक  प्रगति  ने  मनुष्य  को  संवेदनहीन  बना  दिया  l
  प्राचीन  समय  में  हमारे  ऋषियों  ने  जो  अविष्कार  किये ,   उसके  पीछे   उनकी  तपस्या  और  गहन  साधना   थी    l जनकल्याण  का  भाव  था  ,  इसलिए  उनका  समाज  पर  सकारात्मक  प्रभाव  पड़ता  था  l
  अब  इस  युग  में  जो  वैज्ञानिक  अविष्कार   हुए   और   हो  रहे   हैं  उनमे  गहन  साधना ,  एकाग्रता ,  कड़ी  मेहनत  आदि   अनेक   गुणों    के    साथ ' धन '  का  प्रवेश  हो  गया  l   जो  व्यक्ति  नई  टेक्नोलॉजी  और  नए  आविष्कारों  में  धन  लगाएगा  ,  स्वाभाविक  है  वह  उनसे  लाभ  भी  कमाना   चाहेगा  l   बिना  शोषण  के  धन  कमाया  नहीं  जा  सकता   , फिर  इस  धन  को  जहाँ  भी  विनियोग  किया  जायेगा   उसके  पीछे  अधिकाधिक  लाभ  कमाने  की  भावना   होना  निश्चित  है  l   इसी  लिए  आविष्कारों  को  व्यवसाय  बनाकर  अत्यधिक  लूटपाट  की  जा  रही  है   l
   धन  का   प्रवेश  जिस  भी  क्षेत्र  में  हुआ  ,  वही  क्षेत्र  व्यवसाय  बन  गया  l   सामाजिक   जीवन    में  जो  अधिक  धनवान  है  , उसका  सम्मान  है  ,  चाहे  उसने  यह  धन  कितनो  को  लूटकर ,  भ्रष्टाचार  और  अनैतिक  तरीकों  से  जमा  किया  हो  l   धन  की  वजह  से  राजनीति    भी  व्यवसाय  बन  गई  है   l   जो  बहुत  धन  देता  है   वह  अपनी  हुकूमत  चलाता   है  l   प्रत्यक्ष  में  कोई  कुर्सी  पर  बैठे  ,  पर  चलती  उसकी  है   जिसके  पास  धन  है , कुटिलता  है   l   इस  धन  ने  भगवान   के  नाम  पर  होने  वाले  कल्याण  कार्यों  को  भी  दूषित  कर  दिया   l   दिखावे  को  लोग  बहुत  बड़ा  दान  करते  हैं  ,  फिर  उचित  मौका  देख  उससे  दस  गुना  फायदा  कमा  लेते  हैं  l       संसार  में  जब  कमजोर  पर ,  गरीबों  पर   बहुत  अत्याचार  हो   तो  उसके  पीछे  सबसे  बड़ा  कारण  यही  है   कि   जीवन  के  विभिन्न  क्षेत्रों  में  धन  ने  अपनी  सत्ता  जमा  ली  है   l   इनसान   के  मन  को  शांति  और   स्वस्थ  शरीर  का  सुख  तभी  मिलेगा  जब  वह  जागरूक  होगा  l   सारे  संसार  को  हम  नहीं  बदल  सकते  ,  चारों  ओर   कांटे  हों  ,  उनके  बीच  साफ़  रास्ता  हमें  ही  बनाना  होगा  l   सरल  और  सादगीपूर्ण  जीवन  जी  कर ,  प्रकृति  से  तालमेल  बैठकर   हम  इस  अशांत  वातावरण  में  भी  शांति  व  सुख  से  रह  सकते  हैं   l