16 November 2020

WISDOM ------

  महाभारत  युद्ध  के  दौरान   कर्ण   ने  भीष्म  से  पूछा  ---- " आप  हम  सबके  पितामह   के  साथ - साथ  परशुराम  जी  के  शिष्य   हैं  l   मेरे  गुरुभाई    भी   हैं  l   ऐसा  क्यों  होता  है   कि   अर्जुन  से  अधिक  पराक्रमी   होने  के  बावजूद  ,  यह  विश्वास  मन  में   होते  हुए  भी  कि   मैं  युद्ध  में  उसे  हरा  दूंगा  ,  जब  भी  मैं   अर्जुन  के  समक्ष  होता  हूँ  ,  तब - तब  पराजय  का  भाव   मेरे  मन  में  आता  है  l  "  भीष्म  ने  कहा ---- " ऐसा  इसलिए  होता  है  कर्ण   कि   तुम  जानते  हो  कि   तुम  गलत  हो  ,  वह  सही  है  l   तुम्हारे  अंदर  अपराधबोध  है   l   उसी  का  बोझ  तुम्हारे  मन  पर  है  l   भावनाओं  का  अवरोध  ही   तुम्हारी   क्षमताओं को  रोकता  है  l   तुम  विचारशील  होने  के  नाते   यह  भी  जानते  हो  कि   पांडवों  के  साथ  अन्याय  हो  रहा  है   और  तुम  अन्याय  के  पक्ष  में  खड़े  हो  l   तुम्हारा  अंतर्मन  बार - बार  हिचकता  है  l   कर्ण  !  तुम  अधर्म  के  साथ  खड़े  हो   l "